सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तकनीक
- 23 Sep 2021
नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (NEERI) ने स्वदेशी रूप से विकसित ‘सेलाइन गार्गल (नमक घोल के गरारे) आरटी-पीसीआर तकनीक’ (The Saline Gargle RT-PCR technology) की जानकारी 11 सितंबर, 2021 को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) को हस्तांतरित की।
महत्वपूर्ण तथ्य: इस तकनीक का उपयोग कोविड-19 नमूनों के परीक्षण के लिए उपयोग किया जाता है।
- सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तकनीक सरल, त्वरित, सस्ती, रोगी के अनुकूल और आरामदायक है।
- यह त्वरित जांच परिणाम भी उपलब्ध कराती है और न्यूनतम बुनियादी ढांचा आवश्यकताओं को देखते हुए ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के लिए सर्वथा उपयुक्त है।
- कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए NEERI ने देश भर में इसके व्यापक प्रसार के लिए संभावित लाइसेंसधारियों को जानकारी हस्तांतरण करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
NEERI: 1958 में स्थापित NEERI केंद्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय (भारत) के अंतर्गत आता है।
- NEERI पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अग्रणी प्रयोगशाला है और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की घटक प्रयोगशाला है।
- NEERI की चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई में पांच क्षेत्रीय प्रयोगशालाएं हैं।
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