ग्रैंड इथियोपियन रेनेसां डैम विवाद
- 30 Jul 2021
जुलाई 2021 में इथियोपिया द्वारा 'ब्लू नील' (Blue Nile) नदी पर निर्माणाधीन एक विशाल जलविद्युत बांध परियोजना 'ग्रैंड इथियोपियन रेनेसां डैम' (The Grand Ethiopian Renaissance Dam- GERD) के जलाशय को दूसरे वर्ष के लिए भरने का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
नील नदी: 'ब्लू नील' नदी और 'व्हाइट नील' (White Nile) नदी ‘नील नदी’ की दो प्रमुख सहायक नदियां है। 'ब्लू नील' नदी इथियोपिया में ‘ताना झील’ से निकलती है।
- नील नदी प्रणाली 11 देशों से होकर बहती है। 'ब्लू नील' और 'व्हाइट नील' मिस्र और भूमध्य सागर में बहने से पहले सूडान में आपस में मिल जाती हैं।
इथियोपियन रेनेसां बांध: 145 मीटर लंबे (475 फुट लंबे) इथियोपियन रेनेसां बांध के पूरा होने पर यह अफ्रीका की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना होगी। 6,000 मेगावाट से अधिक की अनुमानित क्षमता वाले इस बांध का निर्माण कार्य 2011 में शुरू किया गया था।
क्या है विवाद? 1959 के एक समझौते के अनुसार मिस्र को सालाना 55.5 बिलियन घन मीटर और सूडान को 18.5 बिलियन घन मीटर पानी आवंटन निर्धारित किया गया था।
- उस समय अन्य देशों को आवंटन नहीं किया गया था; इथियोपिया इस समझौते को मान्यता नहीं देता है।
- मिस्र ने चिंता जताई है कि बांध संभावित रूप से इथियोपिया को नदी के पानी के प्रवाह पर नियंत्रण हासिल करने की अनुमति दे देगा। मिस्र, जिसकी 90% ताजे पानी की आपूर्ति नील नदी पर निर्भर है, का मानना है कि इथियोपिया के पानी पर नियंत्रण के परिणामस्वरूप जल स्तर कम हो सकता है।
- सूडान, जो मिस्र के दक्षिण में और इथियोपिया के उत्तर-पश्चिम में स्थित है, ने भी जल स्तर में कमी की आशंका जताई है।
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