वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट का 23वां अंक
- 29 Jul 2021
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 1 जुलाई, 2021 को 'वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट का 23वां अंक' (23rd issue of the Financial Stability Report) जारी किया गया।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु: सतत नीति समर्थन, सौम्य वित्तीय स्थिति और टीकाकरण की गति एक ‘असमान वैश्विक सुधार’ का पोषण कर रही है।
- नीतिगत समर्थन ने वैश्विक स्तर पर गैर-निष्पादित ऋण (non-performing loans) युक्त बैंकों की वित्तीय स्थिति और ऋण-शोधन क्षमता और चलनिधि को मजबूत बनाए रखने में मदद की है।
- घरेलू मोर्चे पर, कोविड-19 की दूसरी लहर की गति ने आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया है, लेकिन मौद्रिक, विनियामक और राजकोषीय नीति उपायों ने वित्तीय संस्थाओं के ऋण-शोधन क्षमता जोखिम को कम करने, बाजारों को स्थिर करने और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में मदद की है।
- मार्च 2021 में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का ‘जोखिम भारित आस्तियों की तुलना में पूंजी अनुपात’ (Capital to Risk-weighted Assets Ratio- CRAR) बढ़कर 16.03% और ‘प्रावधानीकरण कवरेज अनुपात’ (Provisioning Coverage Ratio- PCR) 68.86% हो गया।
- समष्टि दबाव टेस्ट (Macro stress tests) से संकेत मिलता है कि आधारभूत परिदृश्य के तहत अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCBs) का सकल गैर-निष्पादित आस्ति (Gross Non-Performing Asset- GNPA) अनुपात मार्च 2021 में 7.48% से बढ़कर मार्च 2022 तक 9.80%; और गंभीर दबाव परिदृश्य के तहत 11.22% तक हो सकता है, हालांकि SCBs के पास कुल और व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर, यहां तक कि दबाव में भी पर्याप्त पूंजी है।
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