असम मवेशी संरक्षण विधेयक, 2021
- 23 Jul 2021
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 12 जुलाई, 2021 को 'असम मवेशी संरक्षण विधेयक, 2021' को विधान सभा में पेश किया।
- यह विधेयक मौजूदा असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 1950 की जगह लेगा, जिसमें स्थानीय पशु चिकित्सा अधिकारियों की मंजूरी के बाद 14 वर्ष से अधिक के उम्र के मवेशियों के वध का प्रावधान है।
विधेयक के प्रावधान: 'मवेशियों' में बैल, वृषभ (bullock), गाय, बछिया, बछड़े, नर और मादा भैंस और भैंस के कटड़े शामिल हैं।
- सरकार द्वारा अनुमति प्राप्त स्थानों को छोड़कर किसी को भी किसी भी रूप में गोमांस (beef) या गोमांस उत्पाद बेचने की अनुमति नहीं।
- हिंदू, जैन और सिख और गोमांस का उपभोग न करने वाले समुदायों के वर्चस्व वाले क्षेत्रों में या मंदिरों और 'सत्र' (वैष्णव मठ) के 5 किमी. के दायरे में गोमांस की बिक्री प्रतिबंधित।
- प्रमाणित मवेशियों का वध केवल लाइसेंस प्राप्त और मान्यता प्राप्त बूचड़खानों में।
- धार्मिक उद्देश्यों के लिए बछड़े, बछिया और गाय के अलावा अन्य मवेशियों के वध के लिए कुछ पूजा स्थलों को या कुछ अवसरों पर छूट।
- मान्यता प्राप्त पशु बाजारों में मवेशियों की बिक्री विनियमित; उल्लंघन करने पर पशु बाजार का लाइसेंस रद्द और पशु बाजार में प्रवेश पर रोक और जुर्माना।
- असम से दूसरे राज्यों के साथ-साथ राज्य के भीतर मवेशियों के परिवहन के लिए अनुमति की आवश्यकता; हालांकि, किसी जिले के भीतर मवेशियों को चरागाह या कृषि या पशुपालन उद्देश्यों तथा बिक्री और खरीद के उद्देश्य से पंजीकृत पशु बाजार से मवेशियों के परिवहन के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं।
- मवेशियों के वध, बिक्री और परिवहन से संबंधित विधेयक के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर तीन से आठ साल की कैद और 3 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच जुर्माना।
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