‘बोल्ड’ परियोजना
- 06 Jul 2021
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत एक शीर्ष संगठन खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने मरुस्थलीकरण को कम करने और राजस्थान में जनजातियों की आय और बांस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए 4 जुलाई, 2021 को अनोखी परियोजना ‘बोल्ड’ (सूखे भू-क्षेत्र पर बांस मरु-उद्यान) (Bamboo Oasis on Lands in Drought- BOLD) शुरू की है।
उद्देश्य: शुष्क व अर्द्ध-शुष्क भूमि क्षेत्रों में ‘बांस-आधारित हरित पट्टी’ (bamboo-based green patches) बनाना।
महत्वपूर्ण तथ्य: यह अनूठी परियोजना राजस्थान के उदयपुर जिले के निचला मांडवा (Nichla Mandwa) के आदिवासी गांव में शुरू की जाने वाली देश में अपनी तरह की पहली परियोजना है।
- इसके लिए विशेष रूप से असम से लाए गए बांस की विशेष प्रजातियों- ‘बंबुसा टुल्डा’ (BambusaTulda) और ‘बंबुसा पॉलीमोर्फा’ (Bambusa Polymorpha) के 5,000 पौधों को ग्राम पंचायत की 25 बीघा (लगभग 16 एकड़) खाली शुष्क भूमि पर रोपा गया।
- इस तरह खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने एक ही स्थान पर एक ही दिन में सर्वाधिक संख्या में बांस के पौधे लगाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है।
- बोल्ड परियोजना देश में ‘भूमि अपरदन को कम करने’ व ‘मरुस्थलीकरण को रोकने’ के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के अनुरूप है।
- खादी और ग्रामोद्योग आयोग अगस्त 2021 तक गुजरात के अहमदाबाद जिले के ‘धोलेरा गांव’ और लेह-लद्दाख में भी इसी तरह की परियोजना शुरू करने वाला है।
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