परफॉर्मेंस ग्रेडिंग सूचकांक 2019-20

  • 25 Jun 2021

6 जून‚ 2021 को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के लिए तीसरा ‘परफॉर्मेंस ग्रेडिंग सूचकांक 2019-20’ [Performance Grading Index (PGI) 2019-20] जारी किया गया।

महत्वपूर्ण तथ्य: शिक्षा मंत्रालय के ‘स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग’ ने स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव को उत्प्रेरित करने के लिए इस सूचकांक को डिजाइन किया है। यह पहली बार 2019 में 2017-18 के संदर्भ में प्रकाशित हुआ था।

सूचकांक के बारे में: यह शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली प्लस, राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण और मध्याह्न भोजन सहित कई स्रोतों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर स्कूली शिक्षा में राज्यों/केंद्र- शासित प्रदेशों के प्रदर्शन का आकलन करता है।

  • राज्यों को 70 मापदंडों में कुल 1,000 अंकों पर स्कोर किया गया है, जिन्हें पांच व्यापक श्रेणियों के तहत वर्गीकृत किया गया है: पहुंच; शासन और प्रबंधन; अवसंरचना; इक्विटी (equity) और प्रवीणता परिणाम (learning outcomes)।
  • सूचकांक ग्रेडिंग सिस्टम में 10 स्तर होते हैं। स्तर I शीर्ष प्रदर्शन (951 और 1,000 अंकों के बीच के स्कोर) है। सबसे कम ग्रेड VII है, और इसका मतलब 0 और 550 के बीच का स्कोर है।

राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों का प्रदर्शन: सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य पंजाब, चंडीगढ़, तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार और केरल ने 90% से अधिक स्कोर किया है और ग्रेड 1++ (या स्तर II) प्राप्त किया है।

  • कोई भी राज्य या केंद्र-शासित प्रदेश उच्चतम ग्रेड प्राप्त नहीं कर सका, जो कि स्तर I है।
  • केवल केंद्र-शासित प्रदेश लद्दाख को 545 स्कोर के साथ सबसे निचले ग्रेड यानी ग्रेड VII में रखा गया है।
  • अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, पुडुचेरी, पंजाब तथा तमिलनाडु ने समग्र पीजीआई स्कोर में 10% (100 या अधिक अंक) का सुधार किया है।