बच्चों के लिए पार-दिव्यांगता शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र
- 21 Jun 2021
केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 17 जून, 2021 को नई दिल्ली में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के तहत 7 राष्ट्रीय संस्थानों और 7 समग्र क्षेत्रीय केंद्रों में स्थित 14 ‘पार-दिव्यांगता शीघ्र हस्तक्षेप केंद्रों’ का उद्घाटन किया।
उद्देश्य: भारत में ‘दिव्यांग बच्चों’ या ‘दिव्यांगता के जोखिम वाले शिशुओं’ को जल्द सहायता प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और समाज की मुख्य धारा से जोड़ना।
महत्वपूर्ण तथ्य: पहले चरण में इन केंद्रों की स्थापना दिल्ली, मुंबई, देहरादून, सिकंदराबाद, कोलकाता, कटक एवं चेन्नई के 7 राष्ट्रीय संस्थानों और सुरेंद्रनगर, लखनऊ, भोपाल, राजनंदगांव, पटना, नेल्लोर एवं कोझीकोड के 7 समग्र क्षेत्रीय केंद्रों में की जाएगी।
- ये केंद्र दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत सभी प्रकार की अक्षमताओं को कवर करते हुए दिव्यांग बच्चों (0-6 वर्ष) के लिए चिकित्सीय, स्वास्थ्य लाभ एवं देखभाल सेवाओं और प्री-स्कूल प्रशिक्षण की सभी सुविधाएं प्रदान करेंगे।
क्यों आवश्यकता? साल 2011 की जनगणना के अनुसार, 0-6 वर्ष के आयु वर्ग में 20 लाख से अधिक दिव्यांग बच्चे हैं, जो दृष्टिबाधित, श्रवण बाधित, चलने में निशक्तता आदि श्रेणियों से संबंधित हैं। इस आयु वर्ग में देश के लगभग 7% बच्चे किसी न किसी दिव्यांगता से ग्रसित हैं।
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