भारतीय कछुओं को पूरे पूर्वोत्तर में अमेरिकी स्लाइडर कछुए से खतरा
- 28 May 2021
एक पालतू जानवर के रूप में लोकप्रिय एक 'प्यारा' अमेरिकी कछुआ पूरे पूर्वोत्तर में प्राकृतिक जल निकायों पर आक्रमण कर खतरा पैदा कर रहा है। ये जल निकाय मीठे पानी के कछुओं और कछुओं की 29 कमजोर देशी भारतीय प्रजातियों में से 21 का घर है।
महत्वपूर्ण तथ्य: अगस्त 2018 और जून 2019 के बीच, एनजीओ 'हेल्प अर्थ' के सरीसृप विज्ञानवेत्ताओं की एक टीम ने गुवाहाटी में दीपोर बील वन्यजीव अभयारण्य और उग्रतारा मंदिर तालाब में लाल कान वाला स्लाइडर कछुआ (red-eared slider turtle) देखा।
- 'लाल कान वाला स्लाइडर कछुए' [वैज्ञानिक नाम-ट्रेकेमीस स्क्रिप्टा एलिगेंस (Trachemys scripta elegans)] का नाम कान वाले हिस्से के चारों ओर लाल धारियों से और किसी भी सतह से पानी में जल्दी से फिसलने की क्षमता के कारण लिया गया है ।
- अमेरिका और उत्तरी मेक्सिको का मूल निवासी, यह कछुआ अपने छोटे आकार, आसान देखभाल और अपेक्षाकृत कम लागत के कारण एक बेहद लोकप्रिय पालतू जानवर है। लेकिन दूसरी तरफ, वे तेजी से बढ़ते हैं और देशी प्रजातियों के खाने के लिए वस्तुतः कुछ भी नहीं छोड़ते हैं।
- हालांकि लाल-कान वाले स्लाइडर का कानूनी रूप से कारोबार किया जाता है, लेकिन अब समय आ गया है कि सरकार आक्रामक प्रजाति को पालतू जानवरों के रूप में रखने के खिलाफ नियमों को लेकर आए।
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