फुकुशिमा संयत्र के दूषित पानी को समुद्र में छोड़ेगा जापान
- 14 Apr 2021
13 अप्रैल, 2021 को जापान सरकार ने कहा कि फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से 1 मिलियन टन से अधिक दूषित पानी को समुद्र में छोड़ा जाएगा।
महत्वपूर्ण तथ्य: जापान फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से रेडियोधर्मी पानी की बड़ी मात्रा को अगले दो वर्षों में प्रशांत महासागर में छोड़ना शुरू करेगा। इस कदम का स्थानीय मछुआरों और निवासियों ने कड़ा विरोध किया है।
- जापान ने तर्क दिया है कि 2011 में आए भूकंप और सुनामी से क्षतिग्रस्त फुकुशिमा संयंत्र को बंद करने के लिए पानी का निस्तारण अपरिहार्य है, जिसमें कई दशक का वक्त लगने का अनुमान है।
- लगभग 1.3 मिलियन टन दूषित पानी को संयंत्र में लगभग 100 बिलियन येन (912.66 मिलियन डॉलर) की वार्षिक लागत पर विशाल टैंकों में संग्रहीत किया जा रहा है और जल्द ही इसकी भंडारण क्षमता पूर्ण हो जाएगी।
- टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (टेपको) ने रेडियोधर्मी आइसोटोप ‘ट्राइटियम’ को छोड़कर रेडियो आइसोटोप को हटाने के लिए दूषित पानी को फिल्टर करने की योजना बनाई है। रेडियोधर्मी आइसोटोप ‘ट्राइटियम’ को पानी से अलग करने में कठिनाई होती है।
- टेपको पानी को समुद्र में छोड़ने से पहले पानी को तब तक पतला करेगा, जब तक कि ट्राइटियम का स्तर नियामक सीमाओं से नीचे नहीं आ जाता।
- ट्राइटियम को अपेक्षाकृत हानिरहित माना जाता है, क्योंकि यह मानव त्वचा को भेदने और अन्य परमाणु संयंत्रों के लिए पर्याप्त ऊर्जा उत्सर्जन नहीं करता है।
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