प्रवासी श्रमिकों पर राष्ट्रीय मसौदा नीति
- 25 Feb 2021
फरवरी 2021 में नीति आयोग ने प्रवासी श्रमिकों पर राष्ट्रीय मसौदा नीति तैयार की है।
महत्वपूर्ण तथ्य: मसौदा नीति डिजाइन के दो दृष्टिकोणों का वर्णन करता है: पहला नकद हस्तांतरण, विशेष कोटा, और श्रमिकों के आरक्षण पर ध्यान केंद्रित; दूसरा दृष्टिकोण समुदाय और एजेंसी की क्षमता को बढ़ाने का प्रयास करता है और उनकी स्वाभाविक क्षमता में बाधक पहलुओं को हटाने का प्रयास करता है।
प्रमुख अनुशंसाएं: पंचायती राज मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को उच्च प्रवास क्षेत्रों में प्रवास संसाधन केंद्र बनाने में मदद करने के लिए जनजातीय मामलों के प्रवासन डेटा का उपयोग करना चाहिए।
- कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय को इन प्रवास संसाधन केंद्रों में कौशल निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- शिक्षा मंत्रालय को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रवासी बच्चों की शिक्षा को मुख्यधारा की शिक्षा में लाने के लिए प्रयास और प्रवासी बच्चों को स्थानीय भाषा के शिक्षकों की उपलब्धता करानी चाहिए।
- आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को शहरों में प्रवासियों के लिए रैन बसेरों, छोटे स्टे-होम और मौसमी आवास (seasonal accommodation) के मुद्दों का समाधान करना चाहिए।
- राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) और श्रम मंत्रालय को प्रवासी श्रमिकों के लिए तस्करी, न्यूनतम मजदूरी उल्लंघन, कार्यस्थल पर दुर्व्यवहार और दुर्घटनाओं के लिए शिकायत निवारण कक्ष और फास्ट ट्रैक कानूनी व्यवस्था स्थापित करनी चाहिए।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे