भारत की पहली हाइड्रोजन ईंधन सेल प्रोटोटाइप कार
- 12 Oct 2020
( 10 October, 2020, , www.pib.gov.in )
अक्टूबर 2020 में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और केपीआईटी ने भारत की पहली हाइड्रोजन ईंधन सेल प्रोटोटाइप कार का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। महत्वपूर्ण तथ्य: यह कार सीएसआईआर-नेशनल केमिकल लेबोरेटरी (एनसीएल), पुणे में स्वदेशी रूप से विकसित ईंधन सेल स्टैक (fuel cell stack) पर आधारित है।
महत्वपूर्ण तथ्य: यह ईंधन सेल एक कम तापमान प्रोटॉन एक्सचेंज मेम्ब्रेन (PEM) प्रकार का ईंधन सेल है, जो 65-75 डिग्री सेंटीग्रेड पर संचालित होता है, जो वाहनों के उपयोग के लिए उपयुक्त है।
- 10 kWe ऑटोमोटिव ग्रेड LT-PEMFC ईंधन सेल स्टैक सफलतापूर्वक विकसित किया गया है। मेम्ब्रेन इलेक्ट्रोड असेंबली (membrane electrode assembly) सहित पीईएम ईंधन सेल प्रौद्योगिकी पूरी तरह सीएसआईआर द्वारा विकसित की गई, जबकि केपीआईटी ने स्टैक इंजीनियरिंग में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग किया।
- 2016 में, सीएसआईआर- एनसीएल और केन्द्रीय विद्युत रसायन अनुसंधान संस्थान (CSIR-CECRI) ने 'न्यू मिलेनियम इंडियन टेक्नोलॉजी लीडरशिप इनिशिएटिव (NMITLI) के तहत ऑटोमोटिव ग्रेड PEM ईंधन सेल प्रौद्योगिकी के विकास के लिए केपीआईटी के साथ साझेदारी की थी।
- हाइड्रोजन ईंधन सेल (HFC) प्रौद्योगिकी विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए हाइड्रोजन और ऑक्सीजन (हवा से) के बीच रासायनिक प्रतिक्रियाओं का उपयोग करती है तथा जीवाश्म ईंधन के उपयोग को समाप्त करती है।
- इसके अलावा, ईंधन सेल प्रौद्योगिकी केवल पानी का उत्सर्जन करती है, इस प्रकार अन्य वायु प्रदूषकों के साथ हानिकारक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती करती है।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे