चंबल के विशाल बीहड़ क्षेत्र को कृषि योग्य बनाने की योजना
- 29 Jul 2020
केंद्र सरकार ने 26 जुलाई, 2020 को विश्व बैंक के सहयोग से मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल के विशाल बीहड़ (ravine) क्षेत्र को कृषि योग्य भूमि में बदलने का फैसला किया है, इसके लिए एक प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट एक महीने में तैयार की जाएगी।
महत्वपूर्ण तथ्य: बीहड़ की 3 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि खेती योग्य नहीं है। यदि इस क्षेत्र में सुधार किया जाता है, तो इससे ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में बीहड़ क्षेत्र के एकीकृत विकास में मदद मिलेगी।
- स्थानीय रूप से बीहड़ के नाम से प्रचलित चम्बल घाटी भारत का सबसे निम्नीकृत भूखण्ड है। चम्बल के बीहड़ में बड़े नाले और अत्यधिक विच्छेदित घाटी शामिल है। जिसका विकास मुख्य रूप से चम्बल नदी के दोनों किनारों पर हुआ है।
- बीहड़ अर्ध-शुष्क और शुष्क क्षेत्रों में बहने वाली नदियों और प्रवाह द्वारा निरंतर ऊर्ध्वाधर कटाव के परिणामस्वरूप बनते हैं।
- परियोजना से न केवल कृषि विकास और पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे और क्षेत्र के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
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