सीडब्ल्यूएस द्वारा भारत में अफ्रीकी चीतों के स्थानांतरण पर चिंता
- 20 Feb 2025
19 फरवरी, 2025 को जारी, सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ स्टडीज (सीडब्ल्यूएस) ने भारत में अफ्रीकी चीतों के 2022 और 2023 में स्थानांतरण से जुड़ी नैतिक, पारिस्थितिक और कल्याणकारी चुनौतियों के सन्दर्भ में एक अध्ययन किया है, जिसके निष्कर्ष से परियोजना की व्यवहार्यता के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।
मुख्य निष्कर्ष:
- उच्च मृत्यु दर: अध्ययन में पहले चरण में स्थानांतरित चीतों में 40%-50% मृत्यु दर की सूचना दी गई है, जो अनुमानित 85% जीवित रहने की दर से काफी कम है।
- तनाव और स्वास्थ्य समस्याएं: चीतों ने उच्च तनाव स्तर का अनुभव किया है, जो 90 से अधिक रासायनिक इम्मोबिलाइजेशन और बार-बार पशु चिकित्सा हस्तक्षेपों से स्पष्ट है, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक कल्याण के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।
- अस्थायी और अनैतिक: अध्ययन का तर्क है कि दक्षिणी अफ्रीका (वार्षिक रूप से 12) से चीतों की निरंतर आपूर्ति पर भरोसा करके भारत में एक व्यवहार्य आबादी स्थापित करना न तो पारिस्थितिक रूप से टिकाऊ है और न ही नैतिक, अफ्रीकी चीता आबादी (जंगलों में लगभग 6,500 परिपक्व व्यक्ति शेष हैं) पर मौजूदा दबावों को देखते हुए।
- प्रोजेक्ट चीता : सितंबर 2022 में 20 अफ्रीकी चीतों (नामीबिया से 8 और दक्षिण अफ्रीका से 12) को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में स्थानांतरित किया गया था।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे