उल्फा के वार्ता समर्थक गुट के साथ त्रिपक्षीय समझौता
- 30 Dec 2023
29 दिसंबर, 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय, असम सरकार और अरबिंद राजखोवा के नेतृत्व वाले यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम (उल्फा) के वार्ता समर्थक गुट के मध्य एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- शांति समझौते में एक प्रमुख बिंदु यह है कि असम की 126 विधानसभा सीटों में से 97 सीटें स्थानीय/देशज लोगों के लिए आरक्षित होंगी और भविष्य में परिसीमन प्रक्रिया इसी सिद्धांत का पालन करेगी।
- यह असम के लोगों की राजनीतिक असुरक्षा के सवाल का समाधान करेगा।
- शांति समझौते में भूमि अधिकारों की रक्षा और एक निर्वाचन क्षेत्र से दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में प्रवास पर प्रतिबंध लगाकर संवैधानिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
- इस समझौते के बाद असम के साथ ही पूर्वोत्तर के लिए नए युग की शुरुआत माना जा रहा है। इस शांति समझौते के बाद असम में दशकों पुराने उग्रवाद के दौर खत्म होने की उम्मीद है।
- उल्फा का जन्म 1979 के विदेशी-विरोधी आंदोलन के दौरान असमिया लोगों के लिए एक संप्रभु राज्य की मांग के साथ हुआ था, जब 1971 के बाद बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान कई बंगाली भाषी लोग भारत में आ गए थे।
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