UPPCS Mains Questions for Public Administration (Second Paper)1995
{निर्धारित समय : तीन घण्टे} {पूर्णांक : 250}
निर्देषः- 1. परीक्षार्थियों को प्रश्न संख्या 1 एवं 6 के उत्तर देना अनिवार्य है और शेष प्रश्नों में से तीन से अधिक का उत्तर नहीं देना चाहिए।
2. सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ(Section-A)
- निम्नलिखित में से किन्हीं दो पर टिप्पणियाँ लिखें, जिनमें से प्रत्येक 300 शब्दों से अधिक की नहीं हों :
(अ) ‘‘कौटिल्य की कल्पना का राजा तानाशाह नहीं था।’’
(ब) ‘‘मुगल प्रशासनिक व्यवस्था स्वभावतः एक सैनिक शासन और केन्द्रीयकृत तानाशाही थी।’’
(स) ‘‘राष्ट्रीय विकास परिषद ने श्रेष्ठ कैबिनेट का पद हासिल कर लिया है।’’
Comment upon any two of the following in not more than 300 words each :
(a) “The King of Kautilya's imagination was not a depot.”
(b) “The Mughal administration system was a military rule by its nature and was a centralised despotism.”
(c) “The National Development Council has acquired the position of superior cabinet.” - भारत में केन्द्रों और राज्यों के बीच वर्तमान वित्तीय और प्रशासनिक सम्बन्धों की विवेचना कीजिये। क्या आप मानते हैं कि राज्यों को प्रशंसित नगरपालिकाओं की स्थिति में अनमत कर दिया गया है?
Discuss the financial and administrative relationship obtaining between the Union and State in India. Do you think States have been reduced to a position of glorified municipalities? - प्रशासन में जन सहभागिता से आप क्या समझते हैं। प्रशासकों को नागरिकों की शिकायतों के प्रति संवेदनशील बनाने तथा स्वयंसेवी संस्थाओं से सहयोग प्राप्त करने के उपाय सुझाइये?
What do you mean people's Participation in administration? Suggest measures to sensitise administrators to citizens, grievance and enlist co-operation from voluntary agencies. - भारत में उच्च लोक सेवाओं की शिक्षा और प्रशिक्षण पर एक आलोचनात्मक निबन्ध लिखें।
Write a critical essay on the Education and Training of the higher Public Services in India. - ‘‘राज्य प्रशासन में प्रमुख समन्वयकर्ता के रूप में मुख्य सचिव की भूमिका केन्द्रीय सरकार के मंत्रिमण्डलीय सचिव से तुलनीय है।’’ क्या आप इस विचार से सहमत हैं? अपने उत्तर की पुष्टि में कारण दीजिए।
“The Role of the Chief Secretary as a Principal Coordinator in State administration is comparable with that of the Cabinet Secretary in the Union Government.” Do you agree with this view? Give reasons in support of your answer. - निम्नलिखित में से किन्हीं दो पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखें, जिनमें से प्रत्येक 300 शब्दों से अधिक की नहीं हो :
(अ) ‘‘वित्त मंत्रालय से भिन्न भारत का नियंत्रक तथा महालेखा परीक्षक सार्वजनिक व्यय का नियंत्रण नहीं करता। यह केवल एक ऐसा उद्देश्यपरक मंत्र प्रदान करता है जो लोक वित्त को लोक नियंत्रण की स्थिति के अनुकूल बनाता है।’’
(ब) ‘‘यह अवास्तविक होगा कि पंचायती चुनावों से राजनीतिक दलों को समाप्त करने का प्रयास किया जाए... प्रश्न तो यह है कि स्थानीय स्तर पर इन दलों से एक अच्छी सरकार किस तरह प्राप्त की जाये।
(स) ‘‘प्रशासन पर संसदीय नियंत्रण एक मिथ्या नामकरण है।’’
Comment on any two of the following in not more than 300 words each :
(a) “Unlike Finance Ministry, the Comptroller and Auditor General of India does not control public expenditure, he only offers an objective to popular control of public expenditure.”
(b) "It is unrealistice to attempt to eliminate political parties from Panchayati Polls ......... the issue is how to get these parties to provide a good government at the local level.”
(c) “Parliamentry Control over administration is a misnomer.” - प्रशासनिक सुधार आयोग के योगदान के विशेष सन्दर्भ में भारत में प्रशासनिक सुधार पर एक आलोचनात्मक निबन्ध लिखिए।
Write a critical essay on Administrative Reforms in India with special reference to the contribution of Administrative Reforms Commission. - ‘‘सन 1882 का लॉर्ड रिपन प्रस्ताव भारत में स्थानीय स्वशासन का महाधिकार मात्र था।’’ इस कथन की व्याख्या कीजिए।
“Lord Ripon's Resolution of 1882 was the Magna Carta of Local Self Government in India.” Comment on this statement. - ‘‘राष्ट्रीय आपातकालीन स्थितियों का मुकाबला करने के लिए केन्द्रीय कार्यपालिका को जो शक्तियां दी गई हैं वे एक भरी बन्दूक की भांति है जिसका प्रयोग नागरिकों की स्वतंत्रता की रक्षा करने तथा उनका विनाश करने के लिए किया जा सकता है।’’ भारतीय राष्ट्रपति की संकटकालीन शक्तियों के सन्दर्भ में इस कथन की समीक्षा कीजिए।
“The powers conferred on the central executive to meet national emergencies are so to say a loaded gun which can be used both to protect and to destroy the liberty of the citizens.” Examine this statement in the context of the emergency powers of the Indian President. - ‘‘सरकारी निगमों को एक मन्त्रिमण्डलीय पिता की बांहों में तब तक नहीं डालना है जब तक उन्हें एक ममतामयी संसदीय माता नहीं मिल जाती जो कठोर पैतृक अनुशासन को सीमित करे।’’ इस कथन की व्याख्या कीजिए।
The Public Corporations must not be thrown into the arms of a ministerial father unless found a parliamentary mother is available to restrain the excessive application of paternal displine.” Explain this statement.
खण्ड-ब (Section-B)