UPPCS Mains Questions for Philosophy (First Paper) up to 2017
UPPCS Mains Questions 2017
[Time : Three hours] [Maximum Marks : 200]
Note :-
- There are total eight questions in two sections printed in both Hindi and English.
- Answer five questions, selecting atleast two from each section.
- Marks are given against each of the questions.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- दो खण्डों में कुल आठ प्रश्न दिये गये हैं, जो हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों में छपे हैं।
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों का चयन करते हुए, कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- प्रत्येक प्रश्न के अंत में निर्धारित अंक अंकित हैं।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. (a) Explain and examine Aristotle's doctrine of Causality.
अरस्तु के कारणत्व सिद्धांत की व्याख्या एवं परीक्षण कीजिए।
(b) In what sense Descartes consider mind and body as substance? How does he establish relation between mind anybody? Is he successful in solving the problem? Discuss.
देकार्त मन तथा देह को किस अर्थ में द्रव्य मानतें हैं? वे मन तथा देह के बीच संबंध की स्थापना कैसे करते हैं? संबंध की स्थापना करने में क्या वे सफल हो पाते हैं? विवेचन कीजिये।
(c) Give an account of Plato's theory of Ideas.
प्लेटो के प्रत्यय सिद्धांत का विवरण प्रस्तुत कीजिये।
2. (a) Explain critically Spinoza's theory of Attributes.
स्पिनोजा के गुण विषयक सिद्धांत की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
(b) Write a full note on Leibnitz's doctrine of Pre-established Harmony.
लाइब्नित्ज के पूर्व-स्थापित सामंजस्य के सिद्धांत पर एक पूर्ण टिप्पणी लिखिए।
(c) State and examine Locke's refutation of Innate ideas.
लॉक कृत सहज प्रत्ययों के खण्डन का वर्णन एवं परीक्षण कीजिए।
3. (a) Explain and examine the arguments given by Berkeley to refute Materialism of Locke.
लॉक के जड़वाद के खण्डनार्थ बर्कले द्वारा दी गयी युक्तियों की व्याख्या एवं परीक्षण कीजिये।
(b) Discuss Hume's theory of causality in the light of Kant's criticism.
काण्ट की आलोचना के परिप्रेक्ष्य में ह्यूम के कारणत्व सम्बंधी सिद्धांत की विवेचना कीजिए।
(c) Explain Kant's views of space and time.
काण्ट के देश-काल विषयक मत की व्याख्या कीजिये।
4. (a) Discuss fully Hegel's Dialectical method.
हेगल की द्वन्द्वात्मक विधि की पूर्ण विवेचना कीजिए।
(b) What does Husserl mean by Phenomenological method? Discuss.
संवृत्तिशास्त्रीय पद्धति से हुसर्ल का क्या आशय हैं? विवेचना कीजिए।
(c) Discuss Wittgenstein's picture-theory of 'Meaning'.
विट्गेन्स्टाइन के ‘अर्थ’ विषयक चित्र-सिद्धान्त की विवेचना कीजिये।
खण्ड-ब (Section-B)
5. (a) How did Charvak refute Anumana Pramana? Discuss.
चार्वाक ने अनुमान प्रमाण का निराकरण कैसे किया? विवेचना कीजिये।
(b) What do you understand by Syadvada in the philosophy of Jainism? Elucidate.
जैन दर्शन में आप स्याद्वाद से क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिये।
(c) Explain critically Nairatmyavada of Buddha Philosophy.
बौद्ध दर्शन के नैरात्म्यवाद की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
6. (a) Throw light on the Mimansa theory of knowedge.
ज्ञान के मीमांसा-सिद्धांत पर प्रकाश डालिए।
(b) Elucidate the differences between Hinayana and Mahayana.
हीनयान एवं महायान के बीच भेदों को स्पष्ट कीजिए।
(c) Discuss Satkaryavada of Sankhya Philosophy.
सांख्य दर्शन के सत्कार्यवाद की विवेचना कीजिए।
7. (a) Discuss the nature and structure of inference according to Nyaya Philosophy.
न्याय दर्शन के अनुसार अनुमान प्रमाण के स्वरूप एवं संरचना की विवेचना कीजिए।
(b) Explain Atomism of Vaisesika philosophy fully.
वैशेषिक दर्शन के परमाणुवाद की पूर्ण व्याख्या कीजिए।
(c) Give a critical account of the doctrine of Maya of Sankaracharya.
शंकराचार्य के माया-सिद्धान्त का समीक्षात्मक विवरण प्रस्तुत कीजिए।
8. (a) Compare the views of Sankaracharya and Ramanujacharya regarding the nature of ultimate reality.
परम सत् के स्वरूप के सम्बन्ध में शंकराचार्य एवं रामानुजाचार्य के मतों की तुलना कीजिए।
(b) Explain liberation according to Ramanujacharya. How does it differ from that of Sankaracharya?
रामानुजाचार्य के अनुसार मोक्ष की व्याख्या कीजिए। यह शंकराचार्य के मोक्ष से किस प्रकार भिन्न हैं?
(c) Explain clearly the nature of Jagata according to Madhva.
मध्व के अनुसार जगत के स्वरूप की स्पष्ट व्याख्या कीजिए।
UPPCS Mains Questions 2016
Note :-
- There are total eight questions in two sections printed in both Hindi and English.
- Answer five questions, selecting atleast two from each section.
- Marks are given against each of the questions.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- दो खण्डों में कुल आठ प्रश्न दिये गये हैं, जो हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों में छपे हैं।
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों का चयन करते हुए, कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- प्रत्येक प्रश्न के अंत में निर्धारित अंक अंकित हैं।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. (a) Discuss the relation between the idea of good and the God according to Plato.
प्लेटो के अनुसार शुभ के प्रत्यय और ईश्वर के मध्य संबंध की विवेचना कीजिए।
(b) Describe Aristotle's doctrine of form and matter.
अरस्तु के आकार एवं जड़त्व सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
(c) How Descartes has proved the existence of God? Explain.
देकार्त ने ईश्वर की सत्ता को किस प्रकार से प्रमाणित किया है? समझाइए।
2. (a) As per Spenoza discuss clearly the concept of Substance and its interrelation to attributes and modes.
स्पिनोजा के अनुसार द्रव्य के प्रत्यय तथा गुण और पर्यायों से इसके अन्तःसंबंध की स्पष्ट व्याख्या कीजिए।
(b) What does Leibnits mean by calling God as Monad of Monads?
ईश्वर को चिदणुओं का चिदणु कहने से लाइब्नित्ज का क्या अभिप्राय है?
(c) Explain the limit of knowledge according to Locke.
लॉक के अनुसार ज्ञान की सीमा का वर्णन कीजिए।
3. (a) How are A-priori synthetic Judgement possible in Kantian-Philosophy?
कांट के दर्शन में अनुभव निरपेक्ष संश्लेषणात्मक कथन कैसे संभव है?
(b) How does Moore refuted Idealism?
मूर किस प्रकार प्रत्ययवाद का खण्डन करते हैं?
(c) Evaluate Russel's theory of Description.
रसेल के वर्णन सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
4. (a) How does logical-Positivism 'refuted metaphysics'.
तार्किक भाववाद ‘तत्वमींमासा का निरसन’ किस प्रकार करता है?
(b) Clearout the concept of Freedom established by Sartre.
सार्त्र द्वारा स्थापित स्वतंत्रता के प्रत्यय को स्पष्टतः समझाइए।
(c) How does Strawson assess the theory of person?
स्ट्रॉसन व्यक्ति सिद्धांत का आंकलन किस प्रकार करते हैं?
खण्ड-ब (Section-B)
5. (a) Examine the fundamental features on Charvaka's materialism.
चार्वाक-भौतिकवाद की आधारभूत विशेषताओं का परीक्षण कीजिए।
(b) Examine Buddhist philosophical concept of Prattitya-samutpada.
बौद्ध दर्शन के अनुसार प्रतीत्यसमुत्पाद की अवधारणा की समीक्षा कीजिए।
(c) Determine Svatahpramanyavada of Mimansa.
मीमांसा के स्वतःप्रामाण्यवाद का निरूपण कीजिए।
6. (a) Present the essence of Bondage and Liberation theory of Jain philosophy.
जैन दर्शन के बन्ध और मोक्ष के सिद्धांत का सार प्रस्तुत कीजिए।
(b) Determine the Sankhya conception of Prakriti.
सांख्य के अनुसार प्रकृति के स्वरूप का निर्धारण कीजिए।
(c) Discuss Perception as per Nyaya-philosophy.
न्याय दर्शन के अनुसार प्रत्यक्ष प्रमाण का विवेचना कीजिए।
7. (a) Distinguish between 'Prama' and 'Aprama'.
‘प्रमा’ और ‘अप्रमा’ का भेद स्पष्ट कीजिए।
(b) Explain Vaishesika's categories of 'Particular'.
वैशेषिक के ‘विशेष’ नामक पदार्थ का वर्णन कीजिए।
(c) Discuss the source of 'Valid knowledge' as per Mimansa.
मीमांसा के अनुसार ‘वैध ज्ञान’ के साधनों की व्याख्या कीजिए।
8. (a) Clarify Shankar's statement that, the ‘absence of Avidya is the effort of libration.’
‘अविद्या का अभाव ही मोक्ष का प्रयास है।’ शंकर के इस कथन को स्पष्टतः समझाइए।
(b) What objection are raised by Ramanuja against Shankara's Mayavada.
रामानुज ने शंकर के मायावाद पर क्या आक्षेप उठाये हैं?
(c) What are the means for attainments of Libration as per Madhva.
मध्व के अनुसार मोक्ष प्राप्ति के साधन क्या हैं?
UPPCS Mains Questions 2015
Note :-
- There are total eight questions in two sections printed in both Hindi and English.
- Answer five questions, selecting atleast two from each section.
- Marks are given against each of the questions.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- दो खण्डों में कुल आठ प्रश्न दिये गये हैं, जो हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों में छपे हैं।
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों का चयन करते हुए, कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- प्रत्येक प्रश्न के अंत में निर्धारित अंक अंकित हैं।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. (a) How has Kant refuted and causal argument to prove the existence of God? Explain critically.
ईश्वर के अस्तित्व को प्रमाणित करने के लिए दिए गए कारणतामूलक तर्क का खण्डन काण्ट ने किस प्रकार किया है? आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
(b) Explain and examine Plato's theory of ideas.
प्लेटो के प्रत्यय सिद्धांत की व्याख्या एवं परीक्षण कीजिए।
(c) Discuss Aristotle's theory of causation.
अरस्तु के कारणतामूलक सिद्धान्त का विवेचना कीजिए।
2. (a) Discuss Kant's theory of space-time.
काण्ट के देश-काल सिद्धान्त का विवेचना कीजिए।
(b) Explain Spinoza's pantheism.
स्पिनोजा के सर्वेश्वरवाद की व्याख्या कीजिए।
(c) Discuss Cartesian interactionism.
देकार्त के क्रिया प्रतिक्रियावाद का विवेचना कीजिए।
3. (a) Discuss Hegel's absolute idealism.
हेगल के निरपेक्ष प्रत्यवाद का विवेचन कीजिए।
(b) Explain and examine Hume's scepticism.
ह्यूम के संशयवाद की व्याख्या एवं परीक्षण कीजिए।
(c) Explain Wittgenstein's view that the elementary propositions are the picture of reality.
विटगिंस्टाइन के मत ‘मूल प्रतिज्ञप्तियां सत् के चित्रण हैं की व्याख्या कीजिए।
4. (a) Discuss the verification principle given by the Logical Positivism.
तार्किक भाववाद द्वारा दिए गए सत्यापन सिद्धांत का विवेचना कीजिए।
(b) What does Husserl mean by Phenomenological reduction? Explain critically.
हुसर्ल का संवृतिशास्त्रीय अपचयन से क्या अभिप्राय है? आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
(c) Explain logical translation according to Quine.
क्वाइन के अनुसार उत्कट अनुवाद की व्याख्या कीजिए।
खण्ड-ब (Section-B)
5. (a) How has Jainism explained the relativity of knowledge? Discuss in the light of its doctrine of Syadayada.
जैन दर्शन ने किस प्रकार ज्ञान की सापेक्षता की व्याख्या की है? इसके स्याद्वाद सिद्धांत के आलोक में विवेचना कीजिए।
(b) Discuss Buddhist theory of Anatmavada
बौद्ध दर्शन के अनात्मवाद सिद्धान्त का विवेचना कीजिए।
(c) Discuss Charvaka refutation of inference.
चार्वाककृत अनुमान के खण्डन का विवेचना कीजिए।
6. (a) Discuss the role of Purusa and Prakriti in the evolution of creation.
सृष्टि के विकास में पुरुष एवं प्रकृति की भूमिका की विवेचना कीजिए।
(b) Discuss the kinds of inference of Nyaya philosophy.
न्याय दर्शन में अनुमान के प्रकारों का विवेचना कीजिए।
(c) Discuss the category of inherence according to Visesika Philosophy.
वैशेषिक दर्शन के अनुसार समवाय पदार्थ का विवेचना कीजिए।
7. (a) Explain and examine the theories of extrinsic validity and intrinsic validity of knowledge.
ज्ञान के परतः प्रमाण्यवाद एवं स्वतः प्रमाण्यवाद के सिद्धातों की व्याख्या एवं परीक्षण कीजिए।
(b) Explain the nature of God according to Nyaya philosophy.
न्याय दर्शन के अनुसार ईश्वर के स्वरूप की व्याख्या कीजिए।
(c) Explain non-apprehension as a source of knowledge.
ज्ञान के स्रोत के रूप में अनुपलब्धि की व्याख्या कीजिए।
8. (a) Critically discuss 'Mayavada' of Sankara.
शंकर में ‘मायावाद’ की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
(b) Explain the nature of Brahma according to Ramanuja.
रामानुज के अनुसार ब्रह्म के स्वरूप की व्याख्या कीजिए।
(c) Explain Madhva's dualistic metaphysics.
मध्व की द्वैतवादी तत्त्व मीमांसा को समझाइए।
UPPCS Mains Questions 2014
Note :-
- Answer five questions in all, selecting at least two questions from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों को चुनते हुए कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Discuss the ontological argument given by Descartes to prove the existence of God. How has Kant criticised it?
ईश्वर के अस्तित्व को प्रमाणित करने के लिए देकार्त द्वारा दी गई प्रत्यय सत्तामूलक युक्ति का विवेचन कीजिए। काण्ट ने इसकी आलोचना किस प्रकार की है?
2. State and examine Leibnitz's theory of monadology.
लाइब्नित्ज के चिदणुवाद सिद्धांत का कथन एवं परीक्षण कीजिए।
3. Discuss critically Kant's theory of Synthetic a priority Judgement.
काण्ट के संश्लेषणात्मक प्रागनुभविक निर्णय सिद्धांत का आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
4. State and examine Moore's refutation of idealism.
मूर कृत प्रत्ययवाद के कथन का खण्डन एवं परीक्षण कीजिए।
खण्ड-ब (Section-B)
5. Why is the doctrine of conditional existence regarded as the central doctrine of Buddhism? Examplain critically.
प्रतीत्य समुत्पाद सिद्धांत बौद्ध दर्शन का केन्द्रीय सिद्धान्त क्यों समझा जाता है? आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
6. Discuss critically Sankhya theory of Causation.
सांख्य दर्शन के कारणत्व सिद्धान्त का आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
7. Write a full note on Vaisesika theory of atomism.
वैशेषिक के परमाणुवाद सिद्धान्त पर पूर्ण टिप्पणी लिखिए।
8. Compare the views of Sankara and Ramanuja concerning liberation.
शंकर एवं रामानुज के मोक्ष-विषयक विचारों की तुलना कीजिए।
UPPCS Mains Questions 2013
Note :-
- Answer five questions in all, selecting at least two questions from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों को चुनते हुए कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Critically examine Plato's theory of Ideas.
प्लेटो के प्रत्यय-सिद्धांत का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
2. Explain and examine Hegel's Absolute Idealism.
हीगल के निरपेक्ष प्रत्ययवाद की व्याख्या एवं परीक्षण कीजिए।
3. Explain the origin of the movement of phenomenology and discuss its main characteristics.
फिनोमिनोलॉजी के आंदोलन की उत्पत्ति की व्याख्या करें एवं उसकी मुख्य विशेषताओं की विवेचना करें।
4. Write a full note on Sartre's notion of Freedom and Responsibility.
सार्त्र के स्वतंत्रता एवं उत्तरदायित्व की अवधारणा पर पूर्ण टिप्पणी लिखिए।
खण्ड-ब (Section-B)
5. State and examine Charvaka refutation of inference.
चार्वाक कृत अनुमान के खण्डन का कथन एवं परीक्षण कीजिए।
6. Discuss critically the jain doctrine of Anekantavada. How is it related with Syadavada?
जैन अनेकान्तवाद सिद्धान्त की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए। यह स्याद्वाद से किस प्रकार सम्बन्धित है?
7. Discuss the category of non-existence in Vaisesika Philosophy.
वैशेषिक दर्शन में अभाव पदार्थ की विवेचना कीजिए।
8. Argue either for or against the view that Sankara is a Crypto-Buddhist.
शंकर प्रच्छन्न बौद्ध हैं, इस कथन के पक्ष अथवा विपक्ष में तर्क प्रस्तुत कीजिए।
UPPCS Mains Questions 2012
Note :-
- Answer five questions in all, selecting at least two questions from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों को चुनते हुए कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. 'I think therefore I am.' Evaluate this fundamental principle of Descartes philosophy.
‘मैं चिन्तन करता हूं अतः मैं हूँ।’ देकार्त के दर्शन के इस आधारभूत नियम का मूल्यांकन कीजिए।
2. Examine critically Hume's theory of causation. Is it consistent with his expiricism? Discuss.
ह्यूम के कारणत्व सिद्धान्त का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। क्या यह उनके अनुभववाद से सुसंगत है? विवेचना कीजिए।
3. Are synthetic judgements possible? Evaluate Kant's view and point out its important in his Philosophy.
क्या संश्लेषणात्मक प्रागनुभविक निर्णय संभव है? कांट के मत का मूल्यांकन करें तथा उनके दर्शन में इसकी महत्ता का भी उल्लेख करें।
4. Make out the distinction between knowldge by acquaintance and knowledge by description according to Russell.
रसेल के अनुसार परिचयात्मक और वर्णनात्मक ज्ञान के अंतर को स्पष्ट कीजिए।
खण्ड-ब (Section-B)
5. Discuss Buddhist Nairatmyavada. Explain how the theory of Pratitya samutpada provides argument in its favour.
बौद्ध नैरात्म्यवाद की विवेचना कीजिए। स्पष्ट कीजिए कि समुत्पाद का सिद्धान्त किस प्रकार इसके पक्ष में युक्ति प्रदान करता है।
6. Explain Sankhya view of Prakriti and trace the process of evolution of world from it.
सांख्य मत में प्रकृति की व्याख्या कीजिए और इससे जगत् के उत्पत्ति-क्रम को रेखांकित कीजिए।
7. Examine Svatahpramanyavada in the light of Paratahpramanyavada.
परतः प्रामाण्यवाद के प्रकाश में स्वतः प्रामाण्यवाद की परीक्षण कीजिए।
8. Evaluate Ramanuja's arguments against Shankara's theory of Maya.
माया-विषयक शंकर के मत के विरुद्ध रामानुज के तर्कों का मूल्यांकन कीजिए।
UPPCS Mains Questions 2011
Note :-
- Answer five questions in all, selecting at least two questions from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों को चुनते हुए कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Explain fauna and matter as per Aristotle. Also, bring out their mutual relations.
अरस्तु के अनुसार आकृति तथा पदार्थ को समझाइये। दोनों में परस्पर संबंधों को भी निरूपित कीजिए।
2. Make an evaluation of Locke's rejection of Innate Ideas.
लॉक द्वारा जन्म-जात प्रत्ययों के खण्डन का मूल्यांकन कीजिए।
3. Explain and examine Moore's refutation of Idealism.
मूर-कृत प्रत्ययवाद के खण्डन की व्याख्या एवं परीक्षण कीजिए।
4. Evaluate Husserl's theory of phenomenological reduction and eidetic intuition.
संवृत्तिशास्त्रीय अपचयन तथा सुस्पष्ट अन्तर्बोध के विषय में हुस्सर्ल के मत का मूल्यांकन कीजिए।
खण्ड-ब (Section-B)
5. Explain, critically, Jaina Syadvada. How it is related to Anekantavada? Discuss.
जैन स्याद्वाद की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए। यह अनेकान्तवाद से किस प्रकार संबंधित है? विवेचना कीजिए।
6. What is the nature of 'Vyapti' and how is it known? Explain Nyaya view on this issue. Evaluate Nyaya view in the light of Carvaka criticism.
‘व्याप्ति’ का स्वरूप क्या है एवं इसका ज्ञान कैसे होता है? इस विषय पर न्याय के मत की व्याख्या कीजिए। चार्वाक द्वारा की गई आलोचना के प्रकाश में न्याय के मत का मूल्यांकन कीजिए।
7. Explain and examine the arguments given for satkaaryavada in Sankhya Philosophy.
सांख्य दर्शन के सत्कार्यवाद हेतु प्रदत्त तर्कां की व्याख्या एवं परीक्षण कीजिए।
8. Evaluate Ramanuja's arguments against 'Sankara's theory of Nirguna Brahma.
निर्गुण ब्रह्म विषयक शंकर के मत के विरुद्ध रामानुज के तर्कों का मूल्यांकन कीजिए।
UPPCS Mains Questions 2010
Note :-
- Answer five questions in all, selecting at least two questions from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों को चुनते हुए कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Evaluate the theory of ideas as explained by Plato.
प्लेटो द्वारा व्याख्यायित प्रत्ययवाद का मूल्यांकन कीजिए।
2. Discuss Spinoza's theory of substance.
स्पिनोजा के द्रव्य सिद्धांत की विवेचना कीजिए।
3. Examine Hume's theory of Causation.
ह्यूम के कारणत्व सिद्धांत का परीक्षण कीजिए।
4. Discuss picture theory of meaning in the thought of Wittgenstein.
विट्गेन्सटाइन के चिन्तन में अर्थ के चित्र सिद्धांत की विवेचना कीजिए।
खण्ड-ब (Section-B)
5. Explain the materialistic view-point of Charvaka.
चार्वाक के भौतिकवादी दृष्टिकोण की व्याख्या कीजिए।
6. Discuss Ramanuja's criticism of Shankara's theroy of Maya.
शंकर के माया सिद्धांत की रामानुज द्वारा की गई आलोचना की विवेचना कीजिए।
7. Explain Madhva's dualistic metaphysics.
मध्व की द्वैतवादी तत्व मीमांसा को समझाइए।
8. Bring out the Sankhya arguments to establish the plurality of Purusha.
सांख्य मत के अनुसार पुरुष-बहुत्व-सिद्धि में प्रयुक्त तर्कों को स्पष्ट कीजिए।
UPPCS Mains Questions 2009
Note :-
- Answer five questions in all, selecting at least two questions from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों को चुनते हुए कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. How does Locke refute innate ideas ? Expalin.
लॉक कैसे जन्म-जात प्रत्ययों का खण्डन करते हैं? समझाइये।
2. Throw light on the possibility of synthetic a priori judgement.
संश्लेषणात्मक प्राग्-अनुभवात्मक निर्णय की संभाव्यता पर प्रकाश डालिये।
3. Make out the distinction between knowledge by acquaintance and knowledge by description according to Russell.
रसेल के अनुसार परिचयात्मक और वर्णनात्मक ज्ञान के अंतर को स्पष्ट कीजिये।
4. Explain Kierkegaard's statement that "subjectivity is truth".
‘‘आत्मनिष्ठता ही सत्य है।’’ किर्केगार्ड के इस कथन की व्याख्या कीजिये।
खण्ड-ब (Section-B)
5. Explain the Buddhist No-soul theory (Nairatma-vada) and give arguments in its favour.
बौद्ध नैरात्मवाद को समझाइये एवं इसके पक्ष में तर्क प्रस्तुत कीजिये।
6. Explain the Vaishesika school's concept of 'Samanya' and distinguish it from 'Vishesa'.
वैशेषिक-दर्शन के अनुसार ‘सामान्य’ की व्याख्या कीजिए तथा ‘सामान्य’ और ‘विशेष’ में अंतर बताइये।
7. Discuss, critically, Paratah Pramanyavada as advocated in Nyaya Philosophy.
न्याय-दर्शन में प्रतिपादित परतःप्रामाण्यवाद की आलोचनात्मक विवेचना कीजिये।
8. Throw light on the 'Jagat-Mithyatva' theory (falsity of the world) of Shankara and illustrate the relation between Jiva and Jagat (Soul and World).
शंकर के ‘जगत्-मिथ्यात्व’ सिद्धांत पर प्रकाश डालिए तथा जीव एवं जगत के बीच के संबंध का निरूपण कीजिए।
UPPCS Mains Questions 2008
Note :-
- Answer five questions in all, selecting at least two questions from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों को चुनते हुए कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Critically discuss Descarte's view of 'Mind-Body' dualism.
दकार्त के ‘मानस-शरीर’ की आलोचनात्मक विवेचना कीजिये।
2. Explain in detail Moor's views in the 'Defence of Commonsense'.
मूर के सामान्य-ज्ञान समर्थन’ के विचारों की विस्तार में व्याख्या कीजिये।
3. Explain the General-Nature of Husserl's phenomenology. Discuss the 'Epoche' method of this Philosophy.
हुसर्ल के फेनामनोलॉजी के सामान्य-स्वरूप की व्याख्या कीजिये। इन दर्शन की ‘इपाकी’ विधि (असम्बंधन विधि) की विवेचना कीजिये।
4. Discuss Sartre's concept of 'Freedom and Responsibility'.
सार्त्र के ‘स्वतंत्रता एंव उत्तरदायित्व’ के विचार की विवेचना कीजिए।
खण्ड-ब (Section-B)
5. Explain the theory of Momentarines (Kshanabhangavada) as per the Buddhist Philosophy.
बौद्ध दर्शन के अनुसार क्षणभंग-वाद की व्याख्या करें।
6. Discuss the 'Categories' of Vasheshik Philosophy.
वैशेषिक दर्शन की ‘पदार्थमीमांसा’ की विवेचना कीजिये।
7. Discuss, in detail, the concept of 'Savtahpramanyavad' of Mimansa Philosophy.
मीमांसा दर्शन के ‘स्वतः प्रामाण्यवाद’ की अवधारणा की विस्तार में विवेचना कीजिये।
8. While clarifying the Mayavada of Sankara present its criticism by Ramanuja.
शंकर के मायावाद को स्पष्ट करते हुये रामानुज द्वारा उसका प्रत्याख्यान प्रस्तुत कीजिये।
UPPCS Mains Questions 2007
Note :-
- Answer five questions in all, selecting at least two questions from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों को चुनते हुए कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. What type of relation is conceived by Aristotle between From and Mauer? State clearly.
अरस्तु आकार एवं द्रव्य के बीच किस प्रकार का संबंध बताता है? स्पष्ट करें।
2. I the Cartesian Method skeptical? Substantiate your answer by cogent arguments.
क्या देकार्त की दार्शनिक पद्धति संदेहवाही है? अपने उत्तर को संगत तर्कों से पुष्ट करें।
3. Why the idealism of Berkeley cannot be treated as subjectivism? State clearly.
बर्कले के प्रत्ययवाद को दृष्टिसृष्टिवाद क्यों नहीं माना जा सकता है? स्पष्ट करें।
4. Present a review of the refutation of Idealism by Moore.
मूरे द्वारा प्रत्ययवाद के खण्डन की समीक्षा करें।
खण्ड-ब (Section-B)
5. Bring out the role of the four-fold logic (Catuskoti) of Nagarjuna in the formulations of the concept of Sunya.
नागार्जुन के शून्य की अवधारणा में चतुष्कोटिक तर्क की भूमिका स्पष्ट करें।
6. Examine the theory of Atomism of the Vaisesika school.
वैशेषिक दर्शन में परमाणुवाद की परीक्षण करें।
7. Discuss the self-validation theory (svatah-pramanyavada) as per the Mimansa system.
मीमांसा दर्शन के अनुसार स्वतः प्रामाण्यवाद की विवेचना करें।
8. Bring out the relation between God and Soul in the systems of Ramanuja and Maddhva.
रामानुज एवं मध्व के दर्शनों में ईश्वर तथा जीव के बीच के संबंध का निरूपण करें।
UPPCS Mains Questions 2006
Note :-
- Answer five questions in all, selecting at least two questions from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों को चुनते हुए कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Explain Plato's theory of Ideas.
प्लेटो के प्रत्यय-सिद्धांत को समझाइये।
2. Evaluate the theory of knowledge given by Locke.
लॉक प्रदत्त ज्ञान सिद्धांत का मूल्यांकन कीजिए।
3. Discuss Hegel's Dialectical Method.
हेगल की द्वन्द्वात्मक-विधि की विवेचना कीजिए।
4. How does the Logical Positivist reject metaphysics ? Give a critical exposition.
तार्किक भाववादी किस प्रकार तत्वमीमांसा का खण्डन करता है? आलोचनात्मक विवरण प्रस्तुत करें।
खण्ड-ब (Section-B)
5. Explain Syadvada of Jainism. Does it lead to skepticism and dogmatism
जैन मत के स्याद्वाद की व्याख्या कीजिए। क्या वह संदेहवाद तथा हठवाद की ओर ले जाता है?
6. Explain Avidya accoroding to Advaitism. Distinguish between Avidya and Abhyasa.
अद्वैत मतानुसार अविद्या की व्याख्या कीजिए। अविद्या तथा अभ्यास में अन्तर कीजिए।
7. Explain and evaluate the arguments of Yogacara Vigyanavada to refute the reality of external objects.
योगाचार विज्ञानवाद की बाह्य पदार्थों के खंडन हेतु दी गयी युक्तियों का मूल्यांकन कीजिए।
8. Distinguish between svarthanuman and pararthanuman according to the Nyaya Philosophy and explain the structure and kinds of pararthanuman.
न्याय दर्शन के अनुसार स्वार्थानुमान तथा परार्थानुमान में भेद कीजिए तथा परार्थानुमान की संरचना एवं भेदों की व्याख्या कीजिए।
UPPCS Mains Questions 2005
Note :-
- Answer five questions in all, selecting at least two questions from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों को चुनते हुए कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Explain critically Aristotle's theory of Causation.
अरस्तु के कारणत्व-सिद्धांत की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
2. Discuss the arguments given by Descartes to establish mind-body dualism. Do you find them convincing? Discuss.
देह-आत्मा के द्वैतवाद को सिद्ध करने के लिए देकार्त द्वारा दी गई युक्तियों का विवेचना कीजिए। क्या वे आपको विश्वासोत्पादक लगती है? विवेचना कीजिए।
3. How does Kant show the possibility of synthetic apriori propositions? Explain.
काण्ट संश्लेषी प्रागानुभविक प्रतिज्ञप्तियों की संभावना को कैसे दिखाते हैं? व्याख्या कीजिए।
4. Bring out the philosophical significance of Husserl's method of bracketing.
हुसर्ल की कोष्ठन-प्रणाली की दार्शनिक महत्ता को स्पष्ट कीजिए।
खण्ड-ब (Section-B)
5. Discuss Buddhist Nairatmyavada. Explain how the theory of Pratityasamutpada provides an argument in its favour.
बौद्ध नैरात्म्यवाद की विवेचना कीजिए। स्पष्ट कीजिए कि प्रतीत्यसमुत्पाद का सिद्धांत किस प्रकार इसके पक्ष में युक्ति प्रदान करता है।
6. Explain the nature of 'Vyapti' in Nyaya philosophy. Evaluate the Nyaya view in the light of Charvaka criticism.
न्यायदर्शन में ‘व्याप्ति’ के स्वरूप की व्याख्या कीजिए। चार्वाक द्वारा की गई आलोचना के प्रकाश में न्याय के मत का मूल्यांकन कीजिए।
7. Examine Svatahpramanyavada in the light of Paratahpramanyavada.
परतःप्रामाण्यवाद के आलोक में स्वतःप्रामाण्यवाद की परीक्षण कीजिए।
8. Evaluate Ramanuja's argument against Samkara's theory of Maya.
माया विषयक शंकर के मत के विरुद्ध रामानुज के तर्क का मूल्यांकन कीजिए।
UPPCS Mains Questions 2004
Note :-
- Answer five questions in all, selecting at least two questions from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों को चुनते हुए कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Present a review of Plato's Theory of Ideas.
प्लेटो के विज्ञानवाद की समीक्षा कीजिए।
2. While explaining the concept of Substance in Spinoza explicate why his philosophy tuns out to be pantheistic?
स्पिनोजा के द्रव्य की अवधारणा को समझाते हुए यह स्पष्ट कीजिए कि उनका दर्शन सर्वेश्वरवादी क्यों हो जाता है?
3. Why and how does Kant refute the Ontological argument for the existence of God?
ईश्वर की सिद्धि के लिए दिये जाने वाले सत्तामूलक तर्क का कांट क्यों तथा कैसे खण्डन करते हैं?
4. Why do the Logical Positivists reject Metaphysics? Explain clearly.
तार्किक भाववादी तत्त्वमीमांसा को क्यों अस्वीकार करते हैं? स्पष्ट रूप से समझाइये।
खण्ड-ब (Section-B)
5. Distinguish between Syadvada and Anekantavada as per Jainism.
स्याद्वाद और अनेकान्तवाद में जैन दर्शन के अनुसार अंतर बताइये।
6. Explain the Satkarya theory according to Sankhya school. What defects do the upholders of Asatkarya principle find in it?
सांख्य दर्शन के अनुसार सत्कार्यवाद को स्पष्ट कीजिए असत्कार्यवादी इसमें क्या त्रुटियां निरूपित करते हैं?
7. While giving an introduction to the pramanas after the Nyaya system, discuss the various kinds of anumana (Inference).
न्याय दर्शन के अनुसार प्रमाणों का परिचय देते हुए अनुमान के विभिन्न प्रकारों का विवेचन कीजिए।
8. What is adhyasa (superimposition)? Why does Sankara treat its analysis as essential?
अध्यास क्या है? शंकराचार्य इसके विश्लेषण को आवश्यक क्यों मानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
UPPCS Mains Questions 2003
Note :-
- Answer five questions in all, selecting at least two questions from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों को चुनते हुए कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Explain Aristotle's theory of causation in the light of traditional theory.
अरस्तु के कारणत्व-सिद्धांत की व्याख्या पारम्परिक सिद्धांत के प्रकाश में कीजिये।
2. Does Locke succeed in rejecting Innate Ideas? Discuss.
क्या लॉक सहज प्रत्ययों का खण्डन कर पाते हैं? विवेचना कीजिये।
3. Explain the utilityof Space, Time and Categories in the philosophy of Kant.
कान्ट के दर्शन में देश, काल एवं कोटियों की उपादेयता समझाइये।
4. Explain the verifaction theory according to Logical Positivism and examine it.
तार्किक भाववाद के अनुसार सत्यापन सिद्धांत की व्याख्या एवं समीक्षा कीजिये।
खण्ड-ब (Section-B)
5. Explain and examine the SAPTABHANGI NAYA of Jainism.
जैन दर्शन के सप्तभंगी नय की व्याख्या एवं समीक्षा कीजिये।
6. Discuss the theory of causation as per Sankhya.
सांख्य मत में कारणत्व-सिद्धांत की विवेचना कीजिये।
7. Discuss the categories as per Vaishesika system.
वैशेषिक दर्शन के अनुसार पदार्थों की विवेचना कीजिये।
8. Discuss the legitimacy of JAGAT-MITHYATWA in the Vedanta of Sankara.
शंकर वेदान्त में जगत्-मिथ्यात्व की युक्तियुक्तता का विवेचन कीजिये।
UPPCS Mains Questions 2002
Note :-
- Answer five questions in all, selecting at least two questions from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों को चुनते हुए कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Explain descartes Philosophic method.
देकार्त की दार्शनिक विधि समझाइये।
2. Explain Strawson's argument against the Cartesian mind-body dualism.
आत्मा और शरीर के कार्तीजी द्वैतवाद के खण्डनार्थ स्ट्रॉसन के तर्क की व्याख्या कीजिये।
3. Explain Kant's theory of the possibility of synthetic apriori propositions in ethics.
नीतिशास्त्र में प्रागनुभवी संश्लेषणात्मक कथनों की सम्भावना विषयक कांट के मत की व्याख्या कीजिये।
4. Explain the later Wittgenstein's critique of the picture theory of meaning.
‘शब्दार्थ प्रतिबिम्ब है’ इस मत के खण्डनार्थ उत्तर विटगिनस्टाइन के तर्क का मूल्यांकन कीजिये।
खण्ड-ब (Section-B)
5. Explain Nagarjuna's conception of Pratityasamutpada.
प्रतीत्यसमुत्पाद विषयक नागार्जुन की धारणा स्पष्ट कीजिये।
6. Evaluate, from Sankaracaryas view-point, the Nayaya argument for the existence and nature of God (Isvara).
ईश्वर की सत्ता एवं स्वरूप के लिये न्याय तर्क का, शंकराचार्य की दृष्टि से मूल्यांकन कीजिये।
7. Examine Svatahpramanavada in the light of Paratahpramanvavada.
परतः प्रामाण्यवाद के प्रकाश में स्वतः प्रामाण्यवाद की परीक्षा कीजिये।
8. Evaluate Ramanuja's argument against Sankara's theory of Maya.
माया विषयक शंकर के मत के विरुद्ध रामानुज के तर्क का मूल्यांकन कीजिये।
UPPCS Mains Questions 2001
Note :-
- Answer five questions in all. Question numbers 1 and 6 are compulsory. Apart from these, solve three other questions, out of which at least one question must be from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये। प्रश्न संख्या 1 तथा 6 अनिवार्य हैं। इनके अतिरिक्त तीन अन्य प्रश्न हल कीजिये, जिनमें से प्रत्येक खण्ड से कम से कम एक प्रश्न अवश्य हो।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Write short notes on the following :
निम्नलिखित पर लघु टिप्पणियाँ लिखिए :
(a) Leibnitz's theory of identity of indiscernibles.
लाइविनीज का अविभेद्यों के तादात्म्य का सिद्धांत।
(b) Berkeley's arguments against matter.
जड़-तत्व के विरुद्ध वर्कले के तर्क।
(c) Russell's view regarding definite descriptions.
निश्चित वर्णन संबंधी रसेल का मत।
2. Discuss the arguments given by Descartes to establish mind body dualism. Do you find them convincing?
देह-आत्मा के द्वैतवाद को सिद्ध करने के लिए देकार्त द्वारा दी गई युक्तियों का विवेचन कीजिये? क्या वे आपको विश्वासोत्पादक लगती हैं?
3. Examine Hume's view that all inference from experience are effects of custom not of reasoning.
‘अनुभव पर आधारित सभी अनुमान तर्कणा के नहीं, बल्कि आदत के परिणाम हैं। ह्यूम के इस मत की परीक्षण कीजिये।
4. How does Kant show the possibility of synthetic apriori propositions?
कांट संश्लेषी प्रागनुभविक प्रतिज्ञप्तियों की संभावना को कैसे दिखाते हैं?
5. Do Logical Positivists succeed in showing that all metaphysics is meaningless?
क्या तार्किक प्रत्यक्षवादी यह सिद्ध करने में सफल होते हैं कि समस्त मीमांसा अर्थहीन है।
खण्ड-ब (Section-B)
6. Write short notes on the following :
निम्नलिखित पर लघु टिप्पणियां लिखिये :
(a) sankhya arguments for plurality of Plurality.
पुरुष-बहुलता के पक्ष में सांख्य के तर्क।
(b) Jain syadvada.
जैन स्याद्वाद।
(c) Svatahpramanyavada.
स्वतः प्रामाण्यवाद।
7. What is the nature of 'Vyapti' and how is it known? Explain Nyaya view on this issue. Evaluate the Nyaya view on this issue. Evaluate the Nyaya view in the light of Charvaka criticism.
‘व्याप्ति’ का स्वरूप क्या है एवं इसका ज्ञान कैसे होता है? इस विषय पर न्याय के मत की व्याख्या कीजिये। चार्वाक द्वारा की गई आलोचना के प्रकाश में न्याय के मत का मूल्यांकन कीजिये।
8. Discuss, critically Sankara's view regarding the nature and reality of Jagat.
जगत के स्वरूप एवं उसका यथार्थता के विषय में शंकर के मत की समीक्षा मूलक विवेचना कीजिए।
9. Explain Ramanuja's theory of Visistadvaita. What are his arguments in its supports?
रामानुज के विशिष्टाद्वैत के सिद्धांत की व्याख्या कीजिए। ये इसके पक्ष में क्या तर्क देते हैं?
10. Discuss Buddhist Nairatmyavada. Explain how the theory of Pratityasamutpada provides an argument in its favour.
बौद्ध नैरात्म्यवाद की विवेचना कीजिये। स्पष्ट कीजिये कि प्रतीत्यसमुत्पाद का सिद्धांत किस प्रकार इसके पक्ष में युक्ति प्रदान करता है?
UPPCS Mains Questions 2000
Note :-
- Answer five questions in all. Question numbers 1 and 6 are compulsory. Apart from these, solve three other questions, out of which at least one question must be from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये। प्रश्न संख्या 1 तथा 6 अनिवार्य हैं। इनके अतिरिक्त तीन अन्य प्रश्न हल कीजिये, जिनमें से प्रत्येक खण्ड से कम से कम एक प्रश्न अवश्य हो।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Write short notes on the following :
निम्नलिखित पर लघु टिप्पणियाँ लिखिए :
(a) Moore's arguments in defense of common sense.
सामान्य बुद्धि की स्थापना के पक्ष में मूर का तर्क।
(b) Aristotle's theory of causality.
कारणत्व विषय अरस्तू का मत।
(c) Descarte's method of doubt.
देकार्त की संशय विधि।
2. Explain Kant's theory of the possibiltiy of synthetic a priori prepositions in science.
विज्ञान में संश्लेषणात्मक प्रागनुभावी प्रज्ञप्तियों की संभावना विषयक काण्ट के मत की व्याख्या कीजिए।
3. Examine Hume's view of personal identity.
आत्मस्वरूप की पहचान के विषय में ह्यूम के मत की परीक्षण कीजिए।
4. State and examine the linguistic theory of necessary propositions.
अनिवार्य प्रज्ञप्तियों के स्वरूप विषयक भाषायी मत की व्याख्या एवं परीक्षण कीजिए।
5. Explain Strawson's argument for the view that the concept of a person is primitive.
‘‘व्यक्ति प्रत्यय आदिम है।’’ इस मत के पक्ष में स्ट्रॉसन के तर्क की व्याख्या कीजिये।
खण्ड ‘ब’ (Section-B)
6. Write short notes on the following :
निम्नलिखित पर लघु टिप्पणियां लिखिये :
(a) The Sankhya arguments for the existence of purusa.
पुरुष की सत्ता के पक्ष में सांख्य तर्क।
(b) The Buddhist arguments for the doctrine of dependent originations.
प्रतीत्यसमुत्पाद के सिद्धांत के पक्ष में बौद्ध तर्क।
(c) Justice for pervasive knowledge.
व्याप्ति-ज्ञान के हेतु न्यायमत।
7. Evaluate Ramanuja's critique of Sankara's conception of maya.
माया के स्वरूप विषयक शंकर के मत के विरोध में रामानुज के तर्क का मूल्यांकन कीजिए।
8. Explain and examine the arguments for self-validity of knowledge.
स्वतः प्रामाण्यवाद के लिए दिये गये तर्क की व्याख्या एवं परीक्षा कीजिये।
9. Examine the Vaisesika theory of causality.
कारणत्व सम्बन्धी वैशेषिक मत की परीक्षा कीजिए।
10. Evaluate the Jain arguments for the view that reality is multi dimensional.
अनेकान्तवाद के पक्ष में जैन तर्क का मूल्यांकन कीजिये।
UPPCS Mains Questions 1999
Note :-
- Answer five questions in all. Question numbers 1 and 6 are compulsory. Apart from these, solve three other questions, out of which at least one question must be from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये। प्रश्न संख्या 1 तथा 6 अनिवार्य हैं। इनके अतिरिक्त तीन अन्य प्रश्न हल कीजिये, जिनमें से प्रत्येक खण्ड से कम से कम एक प्रश्न अवश्य हो।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Explain Plato's theory of ideas and evaluate Aristotle's Argument against it.
प्लेटो के प्रत्ययवाद की व्याख्या कीजिये तथा उनके खण्डनार्थ अरस्तु के तर्क का मूल्यांकन कीजिये।
2. "The monadism of Leibnitz is the climax of the western rationalistic thought." Present your own view after discussing this statement.
‘‘लाइबनित्ज का चिदणुवाद पाश्चात्य बुद्धिवादी चिंतन की पराकाष्ठा है।’’ इस कथन पर विवेचनोपरान्त अपना अभिमत प्रस्तुत कीजिये।
3. Explain and examine Hume's theory of causality.
ह्यूम के कारणवाद की व्याख्या एवं परीक्षण कीजिए।
4. According to Kant, how are synthetic a priori judgements in the science possible? Explain.
काण्ट के अनुसार विज्ञान में प्रागनुभविक एवं संश्लेषणात्मक निर्णय कैसे संभव है? स्पष्ट कीजिये।
5. How does logical positivism refute metaphysics? Explain.
तार्किक भाववाद द्वारा तत्त्वमीमांसा का खण्डन किस प्रकार किया गया है?
खण्ड-ब (Section-B)
6. Why is the Karma theory treated as the spinal cord of Indian Philosophy? Explain.
कर्मवाद को भारतीय दर्शन का मेरुदण्ड क्यों माना जाता है? समझाइये।
7. Examine arguments for the no-soul theory of the Buddhists.
बौद्ध दर्शन के नैरात्म्यवाद की पुष्टि में दिये गए तर्क की परीक्षण कीजिये।
8. Explain the Satkarya theory of the Sankhya philosophy and evaluate it in the light of the Nyaya theory of causation.
सांख्य दर्शन के सत्कारवाद की व्याख्या कीजिये तथा न्याय दर्शन के कारणवाद के प्रकाश में इसका मूल्यांकन कीजिये।
9. What is self-validity of knowledge? Examine the extrinsic validity of knowledge.
स्वतः प्रामाण्यवाद किसे कहते हैं? परतः प्रामाण्यवाद के विरोध में पूर्व मीमांसकों के तर्क की परीक्षण कीजिये।
10. Discuss Sankaracharya's conception of Moksha.
शंकराचार्य के मतानुसार मोक्ष के स्वरूप की विवेचना कीजिये।
UPPCS Mains Questions 1998
Note :-
- Answer five questions in all. Question numbers 1 and 6 are compulsory. Apart from these, solve three other questions, out of which at least one question must be from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये। प्रश्न संख्या 1 तथा 6 अनिवार्य हैं। इनके अतिरिक्त तीन अन्य प्रश्न हल कीजिये, जिनमें से प्रत्येक खण्ड से कम से कम एक प्रश्न अवश्य हो।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Explain Cartesian method and evaluate its contribution to the development of human knowledge.
कार्टीजियन पद्वति की व्याख्या कीजिये और मानव ज्ञान के विकास में इस पद्धति के योगदान का मूल्यांकन कीजिये।
2. Discuss Locke's Criticism of theory of innate ideas and trace out the development of empricism in the western philosophy after Locke.
सहजात प्रत्यय सिद्धांत की लॉक द्वारा की गई आलोचना की विवेचना कीजिये और लॉक के उपरान्त पाश्चात्य दर्शन में अनुभववाद के विकास को रेखांकित कीजिये।
3. Explain Spinoza's concept of the Absolute and compare it with the Brahman of 'Sankara'.
स्पीनोजा के ‘निरपेक्ष तत्व’ की अवधारणा की व्याख्या कीजिये और शंकर के ब्रह्म से इसकी तुलना कीजिये।
4. "Real is rational and ratonal is real." Discuss.
‘‘सत्य प्रज्ञात्मक है और प्रज्ञात्मक सत्य है।’’ विवेचना कीजिये।
5. Explain critically the Picture theory of meaning.
अर्थ के चित्रात्मक सिद्धांत की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिये।
खण्ड-ख (Section-B)
6. Bring out the salient features of Indian Philosophy and examine the charge of being other worldly against it.
भारतीय दर्शन की प्रमुख विशेषताएँ सुस्पष्ट कीजिये और इसके विरुद्धों परलोकवादी होने के दोषारोपण की परीक्षण कीजिये।
7. Define perception according to Nyaya and Explain clearly various of perception
न्याय के अनुसार प्रत्यक्ष को परिभाषित कीजिये और इसके विभिन्न प्रकार को सुस्पष्ट कीजिये।
8. Explain Sankhya view of Prakriti and trace the evolution of world from it.
सांख्य मत में प्रकृति की व्याख्या कीजिये और इससे जगत का उत्पत्तिक्रम रेखांकित कीजिये।
9. Discuss the nature of the world according to Sankara and examine the charge of being crypto Buddhist againt him.
शंकर के अनुसार जगत् के स्वरूप की विवेचना कीजिये। उनके विरुद्ध प्रच्छन्न बौद्ध होने के आरोप की परीक्षण कीजिये।
10. Evaluate Ramanuja's theory of 'nonseparateness'.
रामानुज के ‘‘अपृथकसिद्धि’’ सिद्धांत का मूल्यांकन कीजिये।
UPPCS Mains Questions 1997
Note :-
- Answer five questions in all. Question numbers 1 and 6 are compulsory. Apart from these, solve three other questions, out of which at least one question must be from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये। प्रश्न संख्या 1 तथा 6 अनिवार्य हैं। इनके अतिरिक्त तीन अन्य प्रश्न हल कीजिये, जिनमें से प्रत्येक खण्ड से कम से कम एक प्रश्न अवश्य हो।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Examine arguments for the meaninglessness of all metphysics.
समूची तत्त्वमीमांसा की अर्थशून्यता हेतु तर्क की परीक्षण करें?
2. Explain and examine Hume's conception of self identity.
समूची तत्त्वमीमांसा की अर्थशून्यता हेतु तर्क की परीक्षण करें?
3. Are synthetic a priori judgements possible? Evaluate Kant's answer and show its importance in his philosophy.
क्या संश्लेषणात्मक प्रागनुभवी निर्णय सम्भव है? कांट के मत का मूल्यांकन करें तथा उनके दर्शन में इसकी महत्ता भी बतायें?
4. Explain Sartre's Existentialism with special reference to his views on God.
ईश्वर के विषय में उनके विचारों का उल्लेख करते हुए सार्त्र के अस्तित्ववाद की व्याख्या करें?
5. State and Examine the coherence theory of truth.
सत्यता के संगति सिद्धांत की व्याख्या एवं परीक्षण करें?
खण्ड-ब (Section-B)
6. "Indian philosophy is nothing but spiritualism." Comment and Justify your view.
‘भारतीय दर्शन कोरा अध्यात्मवाद है।’ विवेचन करें और अपने मत के पक्ष में तर्क दें?
7. Evaluate Sankaracharya's conception of moksha.
मोक्ष के स्वरूप के विषय में शंकराचार्य के मत का मूल्यांकन करें?
8. Examine the Buddhist arguments for the doctrine of momentariness.
क्षणिकवाद के खण्डनार्थ बौद्ध तर्क की परीक्षण करें।
9. Evaluate the Buddhist critique of the Nyaya theory of causation.
न्याय के कारणता के सिद्धांत के खण्डनार्थ बौद्ध तर्क का मूल्यांकन करें।
10. Explain Sankar's mayavada and examine Ramanuja's arguments against it.
शंकर के मानववाद की व्याख्या करें तथा उसके खण्डनार्थ रामानुज के तर्क की परीक्षण करें।
UPPCS Mains Questions 1996
Note :-
- Answer five questions in all. Question numbers 1 and 6 are compulsory. Apart from these, solve three other questions, out of which at least one question must be from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये। प्रश्न संख्या 1 तथा 6 अनिवार्य हैं। इनके अतिरिक्त तीन अन्य प्रश्न हल कीजिये, जिनमें से प्रत्येक खण्ड से कम से कम एक प्रश्न अवश्य हो।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. State and examine the correspondence theory of truth.
सत्यता के सवांदिता सिद्धांत की विवेचना और परीक्षण कीजिये।
2. Evaluate the main arguments for Subjective Idealism.
विषयनिष्ठ प्रत्यवाद के मण्डनार्थ तर्क का मूल्यांकन कीजिये।
3. What is the nature and method or philosophy according to logical positivist? Do you agree with them? Give reasons.
तर्कीय प्रत्यक्षवादियों के अनुसार दर्शन का स्वरूप और विधि क्या है?
4. Evaluate, Husserl's theory of phenomenological reduction and eidetic intuition.
संवृतिशास्त्रीय अपचय तथा तात्विक अन्तर्बोध के विषय में हुस्सर्ल के मत का मूल्यांकन कीजिये।
5. Examine Kierkegards thesis that 'subjectivity is truth'.
‘आत्मनिष्ठता सत्यता है’- किर्केगार्ड के इस मत की परीक्षा कीजिये।
खण्ड-ब (Section-B)
6. "Philosophy is India is integrated with the life of both the individual and society, it is n't more knowledge." Discuss.
‘‘भारत में दर्शन व्यक्ति और समाज के जीवन से जुड़ा है, कोरा ज्ञान मात्र नहीं हैं।’’ विवेचना कीजिए।
7. Examine the Nyaya theory of pramana is the light of the Buddhist criticism of it.
प्रमाण के स्वरूप विषयक न्याय मत की परीक्षा बौद्ध तर्कों के प्रकाश से कीजिये?
8. Examine the Nyaya arguments against the Advaitic view of the nature of Atman.
आत्मन् के स्वरूप विषयक अद्वैतिक मत के खण्डनार्थ न्याय तर्क की परीक्षण कीजिये।
9. Evaluate the Nyaya critism of the Advaitic theory of error.
अद्वैतिक ख्यातिवाद के खण्डनार्थ न्यायिक तर्कों का मूल्यांकन कीजिये?
10. Examine Ramanuja's epistemological realism.
रामानुज के ज्ञानमीमांसीय वस्तुवाद की परीक्षण कीजिये।
UPPCS Mains Questions 1995
Note :-
- Answer five questions in all. Question numbers 1 and 6 are compulsory. Apart from these, solve three other questions, out of which at least one question must be from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये। प्रश्न संख्या 1 तथा 6 अनिवार्य हैं। इनके अतिरिक्त तीन अन्य प्रश्न हल कीजिये, जिनमें से प्रत्येक खण्ड से कम से कम एक प्रश्न अवश्य हो।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Distinguishing philosophy from science and religion clarify the nature of philosophy.
विज्ञान तथा धर्म से दर्शन का भेद बताते हुए दर्शन का स्वरूप स्पष्ट कीजिए?
2. To be is be Perceived, Elaborate the import of this statement. Does it lead to subjective Idealism? Support your answer with argument.
होना प्रत्यक्ष किया जाना है। इस कथन के आशय को भली-भांति समझाइये। क्या यह विषयनिष्ठ प्रत्ययवाद की ओर ले जाता है? युक्ति सहित उत्तर दीजिये।
3. Without the help of reason, sense experience is bound end in scepticism. Explaining this view, show to what extent it can be justifiably maintained.
बुद्धि के योगदान के बिना ऐन्द्रियक अनुभव की परिणति संशयवाद में ही होगी। इस बात को स्पष्ट करते हुए, यह बताइए कि यह मत किस सीमा तक उचित ठहराया जा सकता है।
4. What is the role of innate ideas in knowledge? Discuss critically.
ज्ञान में सहजात प्रत्ययों की क्या भूमिका है, आलोचनात्मक विवेचना कीजिये?
5. What is the pragematic theory of truth? Critically comment and give your own view.
सत्य का प्रयोजनवादी सिद्धांत क्या है? अपने मत सहित आलोचनात्मक उत्तर दीजिये।
खण्ड-ब (Section-B)
6. Do you agree with the view that there is no from for ethics in Indian philosophy? Support your answer with suitable arguments.
क्या आप इस मत से सहमत हैं कि भारतीय दर्शन में नीति विचार के लिए कोई स्थान नहीं है। उपयुक्त युक्तियों सहित उत्तर दीजिये?
7. How do we get valid knowledge according to concept of 'Anumana'.
न्याय दर्शन के अनुसार हमें वैध ज्ञान कैसे प्राप्त होता है? इस संदर्भ में ‘अनुमान’ की अवधारणा स्पष्ट कीजिये?
8. What is understood by 'Syadvada' ? To what extent it helps in understanding reality?
स्याद्वाद से क्या समझा जाता है? यथार्थ तत्व को समझने में वह किस सीमा तक सहायक हो सकता है?
9. What is the nature of ultimate substance according to vaisesika philosophy? Would it be right to any that the idea of the ultimate substance as given by the Vaisesika thinkers in an anticipation of modern scientific in this context? Discuss.
वैशेषिक दर्शन के अनुसार अन्तिम द्रव्य का क्या स्वरूप है? क्या यह कहना ठीक होगा कि वैशेषिक विचारकों का अन्तिम द्रव्य का विचार इस संदर्भ में आधुनिक वैज्ञानिक विचार का पूर्वाभास है? विवेचना कीजिये।
10. What light does the distinction between paramartha and vyavahara, an drawn in the Advaita Vedanta, throw on the nature of reality? Discuss critically.
परमार्थ तथा व्यवहार के बीच जो भेद अद्वैत वेदान्त में निर्धारित किया गया है, वह यथार्थ तत्व के स्वरूप पर क्या प्रकाश डालता है? आलोचनात्मक विवेचना कीजिये?
UPPCS Mains Questions 1994
Note :-
- Answer five questions in all. Question numbers 1 and 6 are compulsory. Apart from these, solve three other questions, out of which at least one question must be from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये। प्रश्न संख्या 1 तथा 6 अनिवार्य हैं। इनके अतिरिक्त तीन अन्य प्रश्न हल कीजिये, जिनमें से प्रत्येक खण्ड से कम से कम एक प्रश्न अवश्य हो।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Explain the nature of Epistemology and discuss critically its relation with Metaphysics.
ज्ञानमीमांसा स्वरूप की व्याख्या कीजिये तथा तत्वमीमांसा के साथ इसके संबंध का समीक्षात्मक विवेचन कीजिए।
2. Explain and examine Empiricist theory of knowledge.
अनुभववाद के ज्ञान-सिद्धांत की व्याख्या एवं परीक्षण कीजिए।
3. Discuss clearly theory of verification of Logical Positivism.
तार्किक भाववाद के सत्यापन सिद्धांत का समीक्षात्मक विवेचना कीजिए?
4. Elucidate clearly the chief characteristics of absolutism.
निरपेक्षवाद की प्रमुख विशेषताओं का स्पष्ट निरूपण कीजिये।
5. Explain critically the nature of Existentialism and its relation to humanism.
अस्तित्ववाद के स्वरूप तथा मानवतावाद के साथ इसके संबंध की समीक्षात्मक व्याख्या कीजिये?
खण्ड-ख (Section-B)
6. Explain the definition of Prama and discuss the various theories of Pramanyavada.
प्रमा के लक्षणों की व्याख्या कीजिये तथा प्रमाण्यवाद संबंधी विभिन्न सिद्धांतों का विवेचना कीजिए?
7. How have the Upanisads described Atman? Discuss.
उपनिषदों में आत्मा का निरूपण किस प्रकार किया गया है? विवेचना कीजिये।
8. Discuss the nature of Pratitya samutpada and throw light on its importance in Buddhism.
प्रतीत्य समुत्पाद् के स्वरूप का विवेचन कीजिये तथा बौद्ध दर्शन में इसके महत्व पर प्रकाश डालिये?
9. Discuss the nature of Purusa according to Sankhya and explain and examine arguments given to prove the existence of purusa and its plurality.
सांख्य के अनुसार पुरुष के स्वरूप का विवेचन कीजिये तथा पुरुष के अस्तित्व एवं उसकी अनेकता की सिद्धि के लिये दिये गये तर्कों की व्याख्या एवं परीक्षण कीजिए।
10. Give a comparative description of the views of Sankara and Ramanuja regarding the nature of Supreme Reality.
परम तत्व के स्वरूप के विषय में शंकर एवं रामानुज के मतों का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत कीजिए?
UPPCS Mains Questions 1993
Note :-
- Answer five questions in all. Question numbers 1 and 6 are compulsory. Apart from these, solve three other questions, out of which at least one question must be from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये। प्रश्न संख्या 1 तथा 6 अनिवार्य हैं। इनके अतिरिक्त तीन अन्य प्रश्न हल कीजिये, जिनमें से प्रत्येक खण्ड से कम से कम एक प्रश्न अवश्य हो।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. What according to you, is the concept metaphysics? Is it essential for philosophy ? Discuss.
आपके अनुसार तत्वमीमांसा का संप्रत्यय क्या है? क्या यह दर्शन के लिए अनिवार्य है?स्पष्ट कीजिए।
2. What is the difference between, Subjective Idealism and Objective Idealism? Explain critically the defects in Subjective Idealism which Objective Idealism seeks to remove.
विषयनिष्ठ प्रत्ययवाद एवं वस्तुनिष्ठ प्रत्ययवाद में क्या अंतर है? वस्तुनिष्ठ प्रत्यवाद के दोषों को जिन्हें विषयनिष्ठ प्रत्ययवाद दूर करने का प्रयास करता है। आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
3. Bring out the distinction between New Realism and Critical Realism. Does other or both of them together effectively. Disprove Idealism?
नव्य वास्तववाद एवं समीक्षात्मक वास्तववाद में भेद स्पष्ट कीजिये। क्या इनमें से कोई भी अथवा दोनों ही एक प्रत्ययवाद को प्रभावी रूप से अप्रमाणित कर पाते हैं।
4. In what sense is the real rational, and the rational real? Discuss.
किस अर्थ में वास्तविक बुद्धिगम्य और बुद्धिगम्य वास्तविक है? विवेचना कीजिये।
5. "Knowledge with, but does not begins originate from experience." Discuss this statement of Kant with special reference to his theory of knowledge.
‘‘ज्ञान अनुभव के साथ आरम्भ होता है, अनुभव से उत्पन्न नहीं होता।’’ कांट की ज्ञानमीमांसा के संदर्भ में उनके इस कथन की व्याख्या कीजिये?
खण्ड-ख (Section-B)
6. Has Indian Philosophy propounded the negation of life and world? Give reasons to support of your answer.
क्या भारतीय दर्शन में जीवन और जगत का निषेध प्रतिपादित किया गया है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क प्रस्तुत कीजिये।
7. Explain clearly the main theories of Causation in Indian Philosophy, and give your own estimate of them.
भारतीय दर्शन के प्रमुख कारणत्व सिद्धांतों की स्पष्ट व्याख्या कीजिये और उन पर अपना मूल्यांकन कीजिये।
8. Explain the Central philosophy of Madhyemika and Discuss their logic of Chatushkoti.
माध्यमिक मत के केन्द्रीय दर्शन की व्याख्या कीजिये तथा उनकी चतुष्कोटि तर्कशैली की विवेचना कीजिये।
9. Explain the meaning of Nishakama Karma is the Gita. Discuss the worth of Such an ideal of action in the context of the present day. Give your own views.
गीता के अनुसार निष्काम कर्म का अर्थ स्पष्ट कीजिए। वर्तमान युग के संदर्भ में कर्म संबंधी ऐसा आदर्श कहां तक उपयोगी है? अपना मत व्यक्त कीजिए।
10. Critically discuss the different Indian theories of error (Khyati). Which one of the views seems to be logically more consistent to you?
ख्याति-संबंधी विभिन्न मतों की समीक्षात्मक विवेचना कीजिये। आपको कोन सा सिद्धांत अधिक तर्क संगत लगता है।
UPPCS Mains Questions 1992
Note :-
- Answer five questions in all. Question numbers 1 and 6 are compulsory. Apart from these, solve three other questions, out of which at least one question must be from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये। प्रश्न संख्या 1 तथा 6 अनिवार्य हैं। इनके अतिरिक्त तीन अन्य प्रश्न हल कीजिये, जिनमें से प्रत्येक खण्ड से कम से कम एक प्रश्न अवश्य हो।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Discuss the basic problems of Expistemology.
ज्ञानमीमांसा की मूलभूत समस्याओं का विवेचना कीजिये?
2. How is Scepticism the logical culmination of Empiricism.
किस प्रकार संदेहवाद अनुभवाद की तार्किक परिणति है।
3. Discuss the nature and Function of Philosophy according to Logical Positivism.
तार्किक भाववाद के अनुसार दर्शन के स्वरूप एवं कार्य का विवेचना कीजिए।
4. Explain the basic postulates of phenomenology.
फिनॉमिनालॉजी की मूल मान्यताओं की व्याख्या कीजिये।
5. ''Existentialism aims at indicating the freedom and responsibility of the human individuals.'' Discuss.
‘‘अस्तित्ववाद का लक्ष्य मानव व्यक्ति की स्वतंत्रता और उत्तरदायित्व की प्रतिष्ठा करना है।’’ विवेचना कीजिये।
खण्ड-ब (Section-B)
6. Discuss the different theories of the validity of knowledge (Pramanyavada).
प्रमाण्यवाद संबंधी विभिन्न सिद्धांतों का विवेचना कीजिये।
7. Explain the nature and characteristics of Brahman according to the Upanishads.
उपनिषदों के अनुसार ब्रह्म के स्वरूप एवं लक्षणों की व्याख्या कीजिये।
8. Give a critical estimate to the Jain theory of Syadvad.
जैन मत के स्याद्वाद का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
9. Explain critically the nature and the relation between Purush and Prakash in the Sankhya Philosophy.
सांख्य दर्शन में पुरुष एवं प्रकृति के स्वरूप तथा सम्बंध की समीक्षात्मक व्याख्या कीजिये।
10. Discuss the nature of Brahman and its relation to maya according Shankaracharya.
शंकराचार्य के अनुसार ब्रह्म के स्वरूप का विवेचन कीजिये एवं माया से उसका सम्बन्ध बताइये।
UPPCS Mains Questions 1991
Note :-
- Answer five questions in all. Question numbers 1 and 6 are compulsory. Apart from these, solve three other questions, out of which at least one question must be from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये। प्रश्न संख्या 1 तथा 6 अनिवार्य हैं। इनके अतिरिक्त तीन अन्य प्रश्न हल कीजिये, जिनमें से प्रत्येक खण्ड से कम से कम एक प्रश्न अवश्य हो।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Discuss the nature and relation of Metaphysics and Epistemology.
तत्वमीमांसा के स्वरूप तथा संबंध का विवेचना कीजिये।
2. Give a comparative evaluation of the views of idealism and Realism regarding the nature of Reality.
तत्व के स्वरूप के विषय में प्रत्ययवाद एवं वस्तुवाद के मतों का तुलनात्मक मूल्यांकन प्रस्तुत कीजिये।
3. 'Empiricism eluminates into Scepticism'. Explain and examine the statement.
‘अनुभववाद की चरम परिणति संदेहवाद में होती है।’ इस कथन की व्याख्या एवं परीक्षण कीजिये।
4. Discuss critically the theory of verification of Logical Positivism.
तार्किक भाववाद के सत्यापनीयता के सिद्धांत की समीक्षात्मक विवेचना कीजिये
5. Discuss critically the chief characteristics of Pramatism.
व्यवहारवाद की प्रमुख विशेषताओं का समीक्षात्मक विवेचना कीजिये।
खण्ड-ख (Section-B)
6. Analyse and evaluate the various definitions of Prama and discuss critically the controversy regarding the validity of knowledge (Pramanya).
प्रमा के विभिन्न लक्षणों का विश्लेषण एवं मूल्यांकन कीजिये तथा प्रमाण्य संबंधी विवाद का समीक्षात्मक विवेचन कीजिए।
7. Explain clearly 'Satkaryavada' and distinguish between Parinamavada and Vivartavada.
‘सत्कार्यवाद’ को स्पष्ट कीजिये तथा परिणामवाद एवं विवर्तवाद में अंतर बतलाइए।
8. Discuss critically the 'Anatmavada of Buddhist Philosophy'.
बौद्ध दर्शन के ‘अनात्मवाद’ का समीक्षात्मक विवेचन कीजिए।
9. Analyse the definition of perception and explain with examples the classification of Perception according to Nyaya.
न्याय के अनुसार प्रत्यक्ष के लक्षण का विश्लेषण कीजिये तथा प्रत्यक्ष के वर्गीकरणों को उदाहरण देकर समझाइये।
10. Explain he nature of Supreme Reality according to Sankara and Distinguish it with that of Ramanuja.
शंकर के अनुसार परमतत्व के स्वरूप की व्याख्या कीजिये तथा रामानुज के परमतत्व से उसका भेद बतलाइए।
UPPCS Mains Questions 1990
Note :-
- Answer five questions in all. Question numbers 1 and 6 are compulsory. Apart from these, solve three other questions, out of which at least one question must be from each section.
- All questions carry equal marks.
नोट :-
- कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये। प्रश्न संख्या 1 तथा 6 अनिवार्य हैं। इनके अतिरिक्त तीन अन्य प्रश्न हल कीजिये, जिनमें से प्रत्येक खण्ड से कम से कम एक प्रश्न अवश्य हो।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ (Section-A)
1. Explain the nature of Epistemology and bring out its importance in Philosophy.
ज्ञान-मीमांसा के स्वरूप की व्याख्या कीजिये तथा दर्शन में उसके महत्व को स्पष्ट कीजिये।
2. Discuss Empiricism in respect of attainment and 'assertment of Hegal.
ज्ञान की प्राप्ति और प्रामाणिकता के सम्बंध में अनुभववाद की समीक्षा करें।
3. 'Real is rational and rational is real'. Explain this assertion of Hegal.
‘सत् ही सत्ता है तथा सत्ता ही सत है।’ हेगल के इस कथन की व्याख्या करें।
4. How does Moore criticise idealism and establish Realism.
मूर प्रत्ययवाद का खंडन कर वस्तुवाद का मंडन कैसे करते हैं?
5. Examine the assumptions of Existentialism.
अस्तित्ववाद की मान्यताओं की समीक्षा करें।
खण्ड-ख (Section-B)
6. 'One's duty is one's religion'. Examine this statement of the Gita.
गीता के अनुसार ‘स्व-कर्म ही स्व धर्म है’ इस कथन की समीक्षा करें।
7. Examine the different theories of the validity of knowledge (Pramanyavada).
प्रामाण्यवाद सम्बंधी विभिन्न सिद्धांतों की परीक्षा करें।
8. Discuss the Budhist theory of Pratityasamutpada.
बौद्धों के प्रतीत्यसमुत्पाद सिद्धांत की व्याख्या कीजिये।
9. What is Universal relation (Vyapti) according to the Nyaya? How is it asscertained?
न्याय के अनुसार व्याप्ति क्या है तथा इसका निश्चय कैसे होता है?
10. Examine the relation between Atman and Brahman according to Shankar and Ramanuja.
शंकर और रामानुज के अनुसार आत्मा और ब्रह्म के संबंध की समीक्षा करें।