UPPCS (Main-Special) Questions for Philosophy (Second Paper)2008
[Time : Three hours] [Maximum Marks : 200]
नोट :-
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों को चुनते हुए कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
खण्ड-अ(Section-A)
- “न्यूनतम बहिर्वेशन न्याय की निष्पक्षता की पूर्व शर्त है।’’-सामाजिक न्याय के सिद्धांत के विशेष सन्दर्भ में इस कथन की व्याख्या कीजिये।
''Minimum exclusion is the pre-condition of justice as fairness." -Explain this statement with special reference to the theory of social justice. - दण्ड के विभिन्न सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए मृत्युदण्ड के प्रावधान का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
Critically examine the provision of capital punishment taking into account the different theories of punishment. - ‘‘लिंगीय विभेद एक यथार्थ है, जबकि लिंगीय समानता एक आदर्श।’’ -भारतीय सामाजिक संरचना के संदर्भ में इस कथन का परीक्षण कीजिये।
"Gender discrimination is reality, whereas gender equality is an ideal." Examine this Statement in the context of Indian Social Structure. - वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के सम्बन्ध में महात्मा गाँधी के विचारों का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिये।
Critically analyse Mahatma Gandhi's views regarding scientific and technological progress. - धर्म और नैतिकता के अन्तःसम्बन्ध की व्याख्या कीजिए।
Explain the inter-relation between religion and morality. - आत्मा की अमरता विषयक नैतिक युक्ति का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
Critically examine the moral argument regarding the immortality of soul. - धार्मिक ज्ञान की आधारशिला के रूप में दैवी प्रकाशना की प्रकृति और प्रामाणिकता की विवेचना कीजिये।
Discuss the nature and validity of revelation as a foundation of religious knowledge. - बहुधार्मिक समाज में धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देने वाले विभिन्न कारकों का विश्लेषण कीजिये।
Analyse the various factors for promoting religious tolerance in a multi-religious society.
खण्ड-ब (Section-B)