UPPCS(Main-Special) Questions for Philosophy (First Paper)2004
Time : Three hours] [Maximum Marks : 200
नोट :-
- प्रत्येक खण्ड से कम से कम दो प्रश्नों को चुनते हुए कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
- सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
(ii) All questions carry equal marks.
खण्ड-अ (Section-A)
- कारणत्व विषयक ह्यूम के मत का विवेचन कीजिए। काण्ट इसका कैसे खण्डन करता है?
Discuss Hume's view on causality. How does Kant refute it? - ह्यूम के सन्देहवाद की तर्कसहित परीक्षा कीजिये।
Examine critically the theory of scepticism of Hume. - मूर कृत प्रत्ययवाद के खण्डन की व्याख्या एवं परीक्षण कीजिये।
Explain and examine Moore's refutation of Idealism. - निम्नलिखित विषयों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिएः
(अ) ‘‘मनुष्य स्वतंत्र होने के लिए अभिशप्त है।’’
(ब) कोष्ठीकरण।
Write short notes on the following:
(a) "Man is condemned to be free."
(b) Epoche. - चार्वाक ने अनुमान का खण्डन कैसे किया है? विवेचना कीजिये।
How has Charvaka refuted inference? Discuss. - न्यायदर्शन के अनुसार हेत्वाभास की व्याख्या कीजिये तथा इसके मुख्य प्रकारों का विवेचना कीजिये।
Explain Hetvabhasa according to the Nyaya and discuss its main types. - पुरुष की सांख्यीय अवधारणा का परीक्षण कीजिये।
Examine the Sankhya concept of Purusa. - शंकराचार्य के अनुसार ब्रह्म की व्याख्या कीजिये। रामानुज उसे क्यों स्वीकार नहीं करते?
Explain Brahmin according to Sankaracharya. Why does Ramanuja not accept his explanation?
खण्ड-ब (Section-B)