Civil Services Main Examination GS Paper IV 2015
प्रश्न- हाल में हुई कुछ प्रगतियाँ, जैसे सूचना का अधिकार(आर-टी-आई) अधिनियम, मीडिया और न्यायिक सक्रियता इत्यादि, सरकार के कार्यों में पहले से अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाने में सहायक साबित हो रही है। फिर भी, यह देखा जा रहा है कि कभी-कभार इन साधनों का दुरूपयोग किया जाता है। एक अन्य नकारात्मक प्रभाव यह है कि अधिकारीगण अब शीघ्र निर्णय लेने से डरते हैं। इस स्थिति का विस्तारपूर्वक विश्लेषण कीजिए और सुझाइए कि इस द्विभाजन का हल किस प्रकार निकाला जा सकता है। सुझाइए कि इन नकारात्मक प्रभावों को किस प्रकार न्यूनतमीकृत किया जा सकता है। (150 शब्द)
Some recent developments such as introduction of RTI Act, media and judicial activism, etc. are proving helpful in bringing about greater transparency and accountability in the functioning of the government. However, it is also being observed that at times the mechanisms are misused. Another negative effect is that the officers are now afraid to take prompt decisions. Analyse the situation in detail and suggest how the dichotomy can be resolved. Suggest how these negative impacts can be minimized.
प्रश्न- आज हम देखते हैं कि आचार संहिताओं के निर्धारण, सतर्कता सेलों/आयोगों की स्थापना, आर-टी-आई-,सक्रिय मीडिया और विधिक यांत्रिकत्वों के प्रबलन जैसे विभिन्न उपायों के बावजूद भ्रष्टाचारपूर्ण कर्म नियंत्रण के अधीन नहीं आ रहे हैं।
Today we find that in-spite of various measures of prescribing codes of conduct, setting up vigilance cells / commissions, RTI, active media and strengthening of legal mechanisms, corrupt practices are not coming under control.
क) इन उपायों की प्रभावशीलता का औचित्य बतते हुए मूल्यांकन कीजिए।
Evaluate the effectiveness of these measures with justifications.
ख) इस खतरे का मुकाबला करने के लिए और अधिक प्रभावी रणनीतियाँ सुझाइए।
Suggest more effective strategies to tackle this menace.
प्रश्न- लोक सेवकों के समक्ष ‘हित संघर्ष (कन्फ्रिलक्ट ऑफ इन्टरेस्ट) के मुद्दों का आ जाना संभव होता है। आप ‘हित संघर्ष’ पद से क्या समझते हैं और यह लोक सेवकों के द्वारा निर्णयन में किस प्रकार अभिव्यक्त होता है? यदि आपके सामने हित संघर्ष की स्थिति पैदा हो जाए, तो आप उसका हल किस प्रकार निकालेंगे? उदाहरणों के साथ स्पष्ट कीजिए (150 शब्द)
Public servants are likely to confront with the issues of “Conflict of Interest”. What do you understand by the term “Conflict of Interest” and how does it manifest in the decision making by public servants? If faced with the conflict of interest situation how would you resolve it? Explain with the help of examples.
प्रश्न- विश्वसनीयता और सहन-शक्ति के सद्गुण लोक सेवा में किस प्रकार प्रदर्शित होते है? उदाहरणों के साथ स्पष्ट कीजिए। (150 शब्द)
How do the virtues of trustworthiness and fortitude get manifested in public service? Explain with examples
प्रश्न- ‘‘सामाजिक मूल्य, आर्थिक मूल्यों की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण हैं।’’ राष्ट्र की समावेशी संवृद्धि के संदर्भ में उपरोक्त कथन पर उदाहरणों के साथ चर्चा कीजिए। (150 शब्द)
“Social values are more important than economic values”. Discuss the above statement with examples in the context of inclusive growth of a nation.
प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर, अधिकांश राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय संबंध, अन्य राष्ट्रों के हितों का सम्मान किए बिना स्वयं के राष्ट्रीय हित की प्रोन्नति करने की नीति के द्वारा नियंत्रित होते हैं। इससे राष्ट्रों के बीच द्धंद्व और तनाव उत्पन्न होते हैं। ऐसे तनावों के समाधान में नैतिक विचार किस प्रकार सहायक हो सकते हैं? विशिष्ट उदाहरणों के साथ चर्चा कीजिए। (150 शब्द)
At the international level, bilateral relations between most nations are governed on the policy of promoting one’s own national interest without any regard for the interest of other nations. This leads to conflicts and tension between the nations. How can ethical consideration help resolve such tensions? Discuss with specific examples.
प्रश्न- ‘पर्यावरणीय नैतिकता’ का क्या अर्थ है? इसका अध्ययन करना किस कारण महत्वपूर्ण है? पर्यावरणीय नैतिकता की दृष्टि से किसी एक पर्यावरणीय मुद्दें पर चर्चा कीजिए। (150 शब्द)
What is meant by ‘environmental ethics’? Why is it important to study? Discuss any one environmental issue from the viewpoint of environmental ethics.
प्रश्न- नैतिक विचारकों/दार्शनिकों के दो अवतरण दिए गए हैं। प्रकाश डालिए कि इनमें से प्रत्येक के, वर्तमान संदर्भ में, आपके लिए क्या मायने हैंः
Given are two quotations of moral thinkers/philosophers. For each of these, bring out what it means to you in the present context:
(a) ‘‘कमजोर कभी माफ नहीं कर सकते, क्षमाशीलता तो ताकतवर का ही सहज गुण है।’’ (150 शब्द)
“The weak can never forgive; forgiveness is the attribute of strong.”
(b) ‘‘हम उस बच्चे को असानी से माफ कर सकते हैं, जो अंधेरे से डरता है, जीवन की वास्तविक विडंबना तो तब है जब मनुष्य प्रकाश से डरने लगते हैं।’’ (150 शब्द)
“We can easily forgive a child who is afraid of the dark; the real tragedy of life is when men are afraid of the light”
प्रश्न- ‘‘केवल कानून का अनुपालन ही काफी नहीं है, लोक सेवक में, अपने कर्तव्यों के प्रभावी पालन करने के लिए, नैतिक मुद्दों पर एक सुविकसित संवेदन-शक्ति का होना भी आवश्यक है।’’ क्या आप सहमत हैं? दो उदाहरणों की सहायता से स्पष्ट कीजिए जहां
“A mere compliance with law is not enough, the public servant also have to have a well developed sensibility to ethical issues for effective discharge of duties”. Do you agree? Explain with the help of two examples where,
(i) कृत्य नैतिकतः सही है,परन्तु वैध रूप से सही नहीं है तथा
an act is ethically right, but not legally and
(ii) कृत्य वैध रूप से सही है, परन्तु नैतिकतः सही नहीं है। (150 शब्द)
an act is legally right, but not ethically.
प्रश्न- लोक सेवकों की अपने कार्य के प्रति प्रदर्शित दो अलग-अलग प्रकारों की अभिवृत्तियों की पहचान अधिकारतंत्रीय अभिवृत्ति और लोकतांत्रिक अभिवृत्ति के रूप में की गई है।
Two different kinds of attitudes exhibited by public servants towards their work have been identified as bureaucratic attitude and the democratic attitude.
(क) इन दो पदों के बीच विभेदन कीजिए और उनके गुणों-अवगुणों को बताइए
Distinguish between these two terms and write their merits and demerits.
(ख) अपने देश का तेजी से विकास की दृष्टि से बेहतर प्रशासन के निर्माण के लिए क्या दोनों में संतुलन स्थापित करना संभव है?
Is it possible to balance the two to create a better administration for the faster development of our country?