Question : निम्नलिखित की मुख्य विशेषताओं के बारे में लिखिएः
(i) शुंग शैली
(ii) कथकली
(iii) रामनवमी
(1992)
Answer : (i) शुंग शैलीः शुंग कला में यक्ष-यक्षिणी की मूर्तियों को वस्त्र तथा आभूषणों से सुसज्जित रूप में तराशा जाने लगा था। नारी की मूर्ति को प्रजनन शक्ति के प्रतीक रूप में प्रतिबिंबित किया गया। सांची तथा भरहुत के स्तूपों को उदारतापूर्वक पुनर्निमित किया गया। पहाडि़यों को काट कर मूर्तियों का सृजन किया गया। इस कला में भावों की प्रधानता रही है। बोधगया के जंगले, मथुरा की लोकोपदेशीय मूर्तियां व बेसनगर का स्तंभ आदि इस शैली के प्रमुख उदाहरण हैं।
(ii) कथकलीः दक्षिण दक्षिण भारत में केरल का प्रमुख नृत्य। नाट्यशास्त्र में वर्णित ‘नाट्य नृत्य’ कथकली का मुख्य स्वरूप है। नृत्य में मानव देव और मानव चरित्र के विभिन्न भावों की अभिव्यक्ति आंशिक एवं भावाभिनय के माध्यम से होती है। इसके साथ संगतोपयोगी बोल हैं- थि, थि थेई थेई, ताता थई, हित्ता थी आदि। मृणालिनी साराभाई, कलामंडलम, कृष्णनायक, तारास्वामी, गोपीनाथ आदि इसके प्रमुख कलाकार हैं।
(iii) रामनवमीः रामनवमी प्रत्येक वर्ष चैत्र मास (मार्च-अप्रैल) में मनाया जाने वाला त्योहार है, जो कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। यह केवल मंदिरों में मनाया जाने वाला त्योहार नहीं है, अपितु प्रत्येक हिन्दू परिवार के यहां यह मनाया जाता है।