Question : भारतीय राज्यों के विलय में राज्यों के जनआन्दोलनों की क्या भूमिका रही?
(1996)
Answer : भारतीय रियासतों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील नेताओं ने 1927 में एक केंद्रीय संस्था ‘ऑल इंडिया स्टेट पीपुल्स कान्फ्रेंस’ की स्थापना की और इससे रियासतों में राष्ट्रीय आन्दोलन ने जोर पकड़ा। 1937-38 तक कांग्रेस पार्टी ने इससे अपने को अलग रखा, परंतु अनेक कांग्रेसी नेताओं ने इसमें भाग लिया। 1938 के बाद कांग्रेस ने देशी रियासतों के आन्दोलन को राष्ट्रीय आंदोलन का हिस्सा मान कर उसे अपना समर्थन दिया। कुशासन एवं अत्याचारों से मुक्त होने के लिए राज्यों की जनता रियासतों के विलय की मांग्र करने लगी। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद जूनागढ़ एवं हैदराबाद की जनता द्वारा किए गए आन्दोलन के बाद ही जूनागढ़ एवं हैदराबाद का भारत संघ में विलय संभव हो पाया। इसके अलावा अन्य राज्यों का विलय भी वहां की जनता के दबाव के कारण ही संभव हो पाया।