​सामाजिक सामंजस्य पर सांप्रदायिकता की चुनौतियां और निहितार्थ

सांप्रदायिकता एक विचारधारा है जिसके अनुसार कोई समाज भिन्न-भिन्न हितों से युक्त विभिन्न धार्मिक समुदायों में विभाजित होता है। सांप्रदायिकता समाज के विभिन्न धर्मों, जातियों या समूहों के बीच अविश्वास, घृणा और हिंसा को बढ़ावा देने वाला विचारधारा है। यह सामाजिक सामंजस्य के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।

  • सांप्रदायिकता एक गंभीर समस्या है जो समाज के लिए एक बड़ी चुनौती है और यह एक समृद्ध और समावेशी समाज के निर्माण में बाधा है।

चुनौतियां

  • धार्मिक असहिष्णुता: सांप्रदायिकता धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ावा देती है। जब एक समुदाय दूसरे समुदाय के धर्म, परंपराओं और रीति-रिवाजों ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |