शहरी कृषि: आवश्यकता एवं लाभ

खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, शहरी एवं उपनगरीय कृषि (Urban - Peri Urban Agriculture-UPA) को उन प्रथाओं के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो कृषि उत्पादन और संबंधित प्रक्रियाओं (परिवर्तन, वितरण, विपणन, रीसाइक्लिंग आदि) से भोजन और अन्य निर्गत उत्पन्न करते हैं। यह शहरों एवं आस-पास के क्षेत्रों के भीतर भूमि और अन्य स्थानों पर होती है।

  • इसमें शहरी और उपनगरीय अभिकर्ता, समुदाय, तरीके, स्थान, नीतियां, संस्थान, पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्थाएं शामिल होती हैं।
  • इसके अंतर्गत कई लक्ष्यों और कार्यों को पूरा करते हुए स्थानीय आबादी की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर स्थानीय संसाधनों ....
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