आक्रामक प्रजातियां: संबंधित मुद्दे एवं आवश्यक प्रयास
आक्रामक प्रजातियां गैर-देशी जीव हैं, जिन्हें जानबूझकर या अनजाने में उनकी प्राकृतिक सीमा के बाहर पारिस्थितिक तंत्र में पेश किया जाता है। विशेषकर जैव विविधता पर ये प्रजातियां महत्वपूर्ण पारिस्थितिक, आर्थिक और सामाजिक प्रभाव पैदा करती हैं।
आक्रामक प्रजातियों के प्रमुख प्रभाव और संबंधित चिंताएं
- जैव विविधता की हानिः आक्रामक प्रजातियां भोजन, आवास और प्रजनन स्थलों जैसे संसाधनों के लिए मूल प्रजातियों से प्रतिस्पर्द्धा करती हैं। उनके लिए नए वातावरण में कोई प्राकृतिक शिकारी नहीं होता, जिससे उनकी आबादी विस्फोटक हों जाती है और पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बाधित हो जाता है। यह प्रतिस्पर्द्धा और शिकार, मूल प्रजातियों में गिरावट ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 रिवर इंटरलिंकिंग: मुद्दे एवं लाभ
- 2 जल सुरक्षा की आवश्यकता
- 3 प्राकृतिक संसाधान प्रबंधान
- 4 जीरो बजट नेचुरल फ़ार्मिंग
- 5 भारत में कृषि विपणन प्रणाली: चुनातियाँ वं उपाय
- 6 कृषि में नवीन प्रौद्योगिकी
- 7 भारत में कृषि सब्सिडी: महत्व एवं मुद्दे
- 8 भारत में परिशुद्धता कृषि: चुनौतियां एवं उपाय
- 9 कृषि पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव एवं समाधान
- 10 क्रिप्टोकरेंसी नियामक ढांचा
मुख्य विशेष
- 1 कार्बन असमानता: प्रभाव एवं समाधान
- 2 जलवायु परिवर्तन में कृषि की भूमिका
- 3 जैव विविधता पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
- 4 भारत में जैविक कृषिः स्थिति एवं सरकार के प्रयास
- 5 भारत में प्लास्टिक प्रदूषण
- 6 भारत में वाहन स्क्रैपेज
- 7 भारत में सतत रेत खनन
- 8 शहरी कृषि: आवश्यकता एवं लाभ
- 9 पर्यावरणीय रूप से धारणीय शहरों का निर्माण
- 10 संपीडित बायोगैस (CBG): ऊर्जा सुरक्षा हेतु आवश्यक
- 11 सर्कुलर इकोनॉमी एवं भारत: चुनौतियां एवं अवसर
- 12 भारत में पर्यावरणीय लेखांकन