​स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय सिनेमा का प्रभाव

  • कहानी कहने की कला में भारत में कई शैलियां रही हैं, लेकिन सिनेमा अपेक्षाकृत नया है।
  • भारतीय सिनेमा को 100 से अधिक वर्ष हो चुके हैं और इसने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • सिनेमा ने जनता की भावनाओं को जागृत करने, राष्ट्रवादी भावनाओं को बढ़ावा देने और औपनिवेशिक शासन को चुनौती देने में मदद की।
  • शुरुआती फिल्मों में देशभक्ति, वीरता, और उत्पीड़न के खिलाफ विद्रोह जैसे विषय शामिल थे, जैसे 'राजा हरिश्चंद्र' (1913) और 'भक्त विदुर' (1921)।
  • सिनेमा ने राजनीतिक विमर्श के लिए मंच प्रदान किया और अभिनेता तथा फिल्म निर्माता राष्ट्रवादी आंदोलनों में सक्रिय भाग लेते थे।
  • पंडित रविशंकर और सलिल ....
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