​भारत में एआई के युग में ई-लर्निंग

  • एआई के समावेशन ने पारंपरिक शिक्षण विधियों को नया रूप दिया है, जिससे व्यक्तिगत शिक्षा और नवाचार को बढ़ावा मिला है।
  • भारत में एआई बाजार 2025 तक 7.8 बिलियन डॉलर और शिक्षा में एआई का मूल्य 2027 तक 20.54 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
  • कोविड-19 महामारी के दौरान -लर्निंग में महत्वपूर्ण बदलाव हुए, जिसमें ड्रॉपआउट दर बढ़ने के बावजूद घर से सीखने के मॉडल में वृद्धि हुई।
  • वर्चुअल कक्षाओं और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्मों का उपयोग तेजी से बढ़ा, जिससे शिक्षा की निरंतरता बनी रही।
  • एडटेक स्टार्टअप्स और प्लेटफ़ॉर्म एआई का उपयोग करके व्यक्तिगत, अनुकूल शिक्षण अनुभव प्रदान कर रहे हैं।
  • एआई संचालित प्लेटफ़ॉर्म छात्र ....
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