महिला सशक्तीकरण की दिशा में बढ़ते कदम
महिला सशक्तिकरण से तात्पर्य यह है कि महिलाओं को इतना सशक्त बनाया जाए कि वे अपने जीवन से जुड़े सभी फैसले स्वयं ले सकें तथा परिवार और समाज में अपने वास्तविक अधिकार को प्राप्त कर सकें।
- भारत में राष्ट्रीय स्तर पर, राष्ट्रीय महिला आयोग तथा राज्य स्तर पर राज्य महिला आयोग, हर स्तर पर लैंगिक असमानता को कम करने के लिए कार्य कर रहे हैं।
- इनके द्वारा एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए काम किया जा रहा है, जहां हर किसी को बिना किसी पूर्वाग्रह के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक गतिविधियों में शामिल होने का समान, स्वतंत्र और ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत में पहली बुलेट ट्रेन का साकार होता सपना
- 2 जीनोम इंडिया परियोजना: स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की मजबूत नींव
- 3 विकसित भारत के सपने को साकार करने की ओर अग्रसर वैज्ञानिक पहलें
- 4 भारत का क्वांटम सैटेलाइट मिशन: संचार और सुरक्षा में नई क्रांति
- 5 विज्ञान के अनुसंधान में अग्रणी भारतीय महिलाएं
- 6 स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और पहुँच को मजबूत करना
- 7 भारत में महिला सशक्तीकरण के लिए बजटीय पहल
- 8 ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहल
- 9 केंद्रीय बजट 2025-26 : विकास के आयाम
- 10 महिला सशक्तीकरण
पत्रिका सार
- 1 सिविल सेवा में सुधार
- 2 भारत में वित्तीय प्रशासन और जवाबदेही
- 3 उपभोक्ताओं और व्यवसायों के हितों की रक्षा
- 4 भारत में मानव संसाधन के विकास को बढ़ावा
- 5 2047 के विकसित अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की मजबूत सीढ़ी
- 6 अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा
- 7 खाद्य प्रसंस्करणः विकास और संभावनाएं
- 8 ‘यूक्लिड’ टेलीस्कोप एवं डार्क मैटर
- 9 ओजोन क्षरण का मानव तथा प्रकृति पर प्रभाव