भारत में मानव संसाधन के विकास को बढ़ावा

भारत 140 करोड़ से अधिक व्यक्तियों की भूमि है, जिनमें से 67 प्रतिशत लोग 15-64 आयु वर्ग में है, इससे ज्ञात होता है कि भारत में अपेक्षाकृत युवा आबादी अधिक है। एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 24.3 प्रतिशत वृद्धिशील वैश्विक कार्यबल के साथ भारत मानव संसाधनों का सबसे बड़ा प्रदाता बना रहेगा।

  • हालांकि देश को इस जनसांख्यिकीय उपहार का एहसास हो, इसके लिए युवा आबादी की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने के लिए आवश्यक सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित होनी जरूरी है।
  • बढ़ती हुई देश की आबादी को मानव संसाधन में परिवर्तित करने के आर्थिक महत्व को ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री