उपभोक्ताओं और व्यवसायों के हितों की रक्षा
किसी भी अर्थव्यवस्था में उपभोक्ताओं और व्यवसायों के हितों की रक्षा के लिए अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्द्धा को बनाए रखना आवश्यक होता है।
- भारत सरकार द्वारा प्रतिस्पर्द्धा कानून बनाया गया है, इसका उद्देश्य बाजार में प्रतिस्पर्द्धी माहौल को बढ़ावा देकर उपभोक्ताओं और व्यवसायों दोनों के हितों की रक्षा करना है।
- भारत में इस प्रकार के कानून भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग द्वारा लागू किया जाता है। यह आयोग प्रतिस्पर्द्धा की स्थिति और उपभोक्ता कल्याण की सुरक्षा के लिए एक नियामक निकाय के रूप में कार्य करता है।
- भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग, प्रतिस्पर्द्धी प्रक्रिया को संरक्षित करने और प्रमुख उपक्रमों द्वारा बहिष्कारी तथा शोषणकारी प्रथाओं ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR)
- 2 राष्ट्रीय गुणाकर मुले सम्मान 2023
- 3 मॉरीशस में विज्ञान लेखन सत्र का आयोजन
- 4 पारंपरिक ज्ञान के संचार एवं प्रसार पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
- 5 धूम्रपान एवं स्वास्थ्य
- 6 विज्ञान वर्धिनी संस्था
- 7 विश्व ओजोन दिवस
- 8 इंटीग्रेटेड मल्टीट्रॉफिक एक्वाकल्चर (IMTA) में समुद्री शैवाल की भूमिका
- 9 स्वदेशी ड्रोन
- 10 पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की उपलब्धियां
पत्रिका सार
- 1 सिविल सेवा में सुधार
- 2 भारत में वित्तीय प्रशासन और जवाबदेही
- 3 महिला सशक्तीकरण की दिशा में बढ़ते कदम
- 4 भारत में मानव संसाधन के विकास को बढ़ावा
- 5 2047 के विकसित अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की मजबूत सीढ़ी
- 6 अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा
- 7 खाद्य प्रसंस्करणः विकास और संभावनाएं
- 8 ‘यूक्लिड’ टेलीस्कोप एवं डार्क मैटर
- 9 ओजोन क्षरण का मानव तथा प्रकृति पर प्रभाव