कोणार्क सूर्य मंदिर: महानदी डेल्टा पर आश्चर्यजनक भू-विरासत

  • 13वीं शताब्दी में निर्मित कोणार्क मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है जो एक विशाल रथ जैसा दिखता है।
  • मंदिर को 1250 ईस्वी में पूर्वी गंग राजवंश के महान शासक राजा नरसिम्हदेव प्रथम (King Narasimhadeva I) ने बनवाया था।
  • यह पंचरथ द्रविड़ और नागर शैली का एक अनूठा उदाहरण है, जिसे स्थानीय रूप से कलिंग शैली के रूप में जाना जाता है।
  • कोणार्क नाम इष्टदेव कोणार्क से लिया गया है।
  • असुर अर्क को सूर्य देव ने पृथ्वी के अग्निकोण (दक्षिण-पूर्वी कोने) में मारा था इसलिए यह स्थान कोणार्क के नाम से प्रसिद्ध ....
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