जन औषधि केंद्रों तक सहकारी पहुंच

  • जन औषधि योजना की शुरुआत 2008 में की गई थी। वर्ष 2014 में इसका नाम प्रधानमंत्री जन औषधि योजना कर दिया गया था तथा वर्ष 2016 में इसे प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना का नाम दिया गया।
  • राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय की 71वीं रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल में भर्ती हुए बिना इलाज कराने वालों के उपचार के कुल खर्च का ग्रामीण क्षेत्रों में 72% और शहरी इलाकों में 68% हिस्सा दवाओं पर व्यय होता है।
  • वर्ष 2014 तक लगभग 104 जन औषधि केंद्र खोले गए थे, जो वर्ष 2017 तक 1253 हो चुके थे और जिसे 2024-25 तक 10500 केंद्र खोलने ....
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