स्वतंत्रता संघर्ष का उदारवादी चरण

सिद्धांत:

  • ये प्रार्थना, प्रतिवेदन के माध्यम से ब्रिटिश जनमत को प्रभावित करना चाहते थे।
  • इन्होंने आरंभिक दौर में व्यवस्थापिका में भारतीय प्रतिनिधित्व को बढ़ाने की मांग की तथा सिविल सेवा के भारतीयकरण का मुद्दा उठाया।

सीमाएं:

  • इन्होंने ब्रिटिश कानून के अंतर्गत रहकर आंदोलन करना उचित समझा।
  • इन्होंने जन आन्दोलन लाने का प्रयास नहीं किया।
  • इनका सामाजिक आधार विस्तृत नहीं था। इससे संबंधित नेता उच्च वर्गीय मानसिकता के थे।
  • इससे संबंधित प्रमुख नेता फिरोजशाह मेहता,गोपाल कृष्ण गोखले,दादा भाई नौरोजी आदि ....
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