ब्रिटिशकालीन आर्थिक, प्रशासनिक एवं संवैधानिक इतिहास

ब्रिटिश साम्राज्य की स्थापना के क्रम में अंग्रेजों ने साम्राज्यवादी हितों के अनुकूल नीतियों का निर्माण किया, इसका उद्देश्य भारतीय संसाधनों का अधिकतम दोहन सुनिश्चित करना था। इस हित से परिचालित होकर ब्रिटिश ने आर्थिक, प्रशासनिक व संवैधानिक सुधारों की प्रक्रिया विकसित की।

ब्रिटिश काल में अर्थव्यवस्था

बक्सर के युद्ध के पश्चात भारत की आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था में तब्दील होती चली गई। औपनिवेशिक हितों से परिचालित होकर ब्रिटिश अधिकारियों ने भारत में भू-राजस्व, कृषि व्यवस्था में परिवर्तन तथा विभिन्न उद्योगों की स्थापना के माध्यम से भारत के संसाधनों का मातृदेश के हित में दोहन किया तथा भारत को ....

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