भारत का उपनिवेशीकरण

युरोप में हुए धर्म सुधार आन्दोलन तथा पुनर्जागरण ने यूरोपियों में खोजी व अन्वेषण प्रवृत्ति का विकास किया। जिसकी परिणति अंततः विश्व में औपनिवेशीकरण के रूप में हुई। इसी संदर्भ में 1498 ई. में वास्कोडिगामा द्वारा भारत की खोज की गई। जिसने यूरोपीयों का परिचय भारतीय मसालों से कराया। जिससे प्रभावित होकर विभिन्न यूरोपीय देश भारत की ओर उन्मुख हुए। यूरोपीय शक्तियों में पुर्तगाली कंपनी भारत में सबसे पहले आई। इसके पश्चात डच, अंग्रेज, डेनिश तथा प्रफ्रांसीसी आये।

भारत आने वाली यूरोपीय कंपनियाँ

पुर्तगाली

भारत में पुर्तगाली शक्ति की वास्तविक नींव अलबुकर्क ने डाली। पुर्तगालियों का आरंभिक लक्ष्य भारत ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष