कृषक एवं जनजातीय आंदोलन

ब्रिटिश की औपनिवेशिक नीति के तहत विभिन्न आर्थिक, सामाजिक एवं प्रशासनिक नीतियों ने भारत में विभिन्न वर्गों को प्रभावित किया इसमें किसान व विभिन्न जनजातीय समूह भी शामिल थे। ब्रिटिश शोषणकारी नीतियों ने अंततः कृषकों व जनजातियों को भी विद्रोह करने पर मजबूर कर दिया।

जनजातीय आंदोलन

जनजातीय असंतोष के कारण

  • जनजातियों के खुंटकट्टी के अधिकार (सामूहिक संपत्ति की अवधारणा) को समाप्त करना।
  • साम्राज्यीय विस्तार के तहत जनजातीय क्षेत्रों में जमींदार, महाजन जैसे शोषक समूहों को स्थापित करना।
  • जनजातीय लोगों में बैठ बेगारी के विरुद्ध असंतोष उत्पन्न हुआ।
  • ब्रिटिश द्वारा जनजातियों द्वारा देशी शराब बनाने तथा झूम कृषि पर ....
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