क्षेत्रवाद की चुनौती : सांस्कृतिक मुखरता और असमान क्षेत्रीय विकास

क्षेत्रवाद एक ऐसी विचारधारा और राजनीतिक आंदोलन है जो एक क्षेत्र विशेष के राजनीतिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और वैचारिक हितों को सर्वोपरि मानता है। इस क्षेत्र विशेष के व्यक्ती धार्मिक, आर्थिक, सामाजिक या सांस्कृतिक पहचान के प्रति अधिक मुखर हो सकते हैं।

  • भारत में क्षेत्रवाद के लिए कई कारक उत्तरदायी हैं जिनमें पृथक् भाषा, अलग भौगोलिक पहचान, नृजातीय पहचान, असमान विकास आदि प्रमुख है। भारत में क्षेत्रवाद की अभिव्यक्ती पृथक राज्य की मांग या विशेष राज्य की मांग आदि के रूप में अभिव्यक्त होती है।

सांस्कृतिक मुखरता: क्षेत्रवाद का एक प्रमुख कारक

सांस्कृतिक विभिन्नता एवं अपनी संस्कृति के प्रति सांस्कृतिक मुखरता (cultural ....

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