प्रत्यायोजित विधान: संवैधानिक वैधता एवं मुद्दे

प्रत्यायोजित विधान उन कानूनों या विनियमों को संदर्भित करता है, जो प्राथमिक विधायी निकाय, जैसे संसद के अलावा किसी निकाय या प्राधिकरण द्वारा बनाए जाते हैं। इसमें विधायी शक्तियों का केंद्रीय विधायी निकाय से दूसरी इकाई, आमतौर पर एक मंत्रालय, अधिकरण, या प्रशासनिक निकाय को हस्तांतरण शामिल है।

प्रत्यायोजित विधान में वृद्धि के कारण

  • संसद पर दबाबः राज्य की गतिविधियों का जैसे-जैसे विस्तार हो रहा है, विधायिका के लिए यह संभव नहीं है कि वह सभी मामलों पर विस्तार से चर्चा करने के लिए पर्याप्त समय दे सके।
  • तकनीकी प्रकृतिः कभी-कभी विधान की विषय-वस्तु प्रकृति में तकनीकी होती है, जैसे गैस, ....

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