गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम एवं इसकी प्रासंगिकता

गैर-कानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (Unlawful Activities (Prevention) Act-UAPA) को पहली बार 1967 में अधिनियमित किया गया था।

  • इस कानून के निर्माण का उद्देश्य उन गतिविधियों पर अंकुश लगाना था, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिये खतरा हैं।
  • इसके पश्चात इसे कई बार संशोधित किया गया ताकि इस अधिनियम के माध्यम से आतंकवादी वित्तपोषण, साइबर-आतंकवाद जैसी समस्याओं का समाधान किया जा सके।

प्रमुख प्रावधान

  • गैरकानूनी गतिविधि: यह गैरकानूनी गतिविधि को ऐसे किसी भी कार्य के रूप में परिभाषित करता है जो भारत के किसी भी हिस्से के अधिग्रहण या अलगाव का समर्थन करता है या उकसाता है, या जो इसकी संप्रभुता ....
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