उत्तर-पूर्व भारत में जातीय संघर्ष: आंतरिक सुरक्षा पर प्रभाव

उत्तर-पूर्व जातीय और सांस्कृतिक विविधता का मिश्रण है, जिसमें धार्मिक विविधता भी शामिल है। इसके साथ ही उत्तर-पूर्व भारत के राज्य कई दशकों से जातीय हिंसा का सामना कर रहे हैं।

  • नागालैंड, मणिपुर, असम और त्रिपुरा जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में 1950-60 के दशक से ही विद्रोह देखने को मिल रहा है।

उत्तर-पूर्व के विभिन्न राज्यों में जातीय संघर्ष

  • असम: राज्य में प्रमुख जातीय संघर्ष 'विदेशियों' यानी बांग्लादेशी और स्थानीय लोगों के बीच है। स्थानीय लोगों और 'विदेशियों' की भाषा और संस्कृति असमिया से काफी अलग है। अवैध प्रवासियों के निर्वासन की मांग को लेकर असम में एक आंदोलन शुरू हुआ।
    • इसके परिणामस्वरूप ....
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