रक्षा क्षेत्र का स्वदेशीकरण

रक्षा क्षेत्र के स्वदेशीकरण (Indigençation of Defense Sector) का तात्पर्य रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और आयात को कम करने के लिए देश के भीतर रक्षा उपकरण के विकास और उत्पादन की क्षमता से है। इसमें स्वदेशी रूप से विभिन्न प्रकार के उपकरणों के डिजाइन, विकास और निर्माण के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना शामिल होता है।

भारत में रक्षा का स्वदेशीकरण

आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पूरी तरह से भारत में निर्मित पहला विमानवाहक पोत है। BARC और क्त्क्व् ने संयुक्त रूप से भारत की पहली स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी अरिहंत का विकास किया है।

  • इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) ....
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