भारत में लिव-इन रिलेशनशिप का अधिकार

13 जून, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू परिवारों में संपत्ति के बंटवारे के संबंध में एक अहम फैसला देते हुए कहा कि बिना शादी के लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले दंपति की नाजायज संतान पारिवारिक संपत्ति में हिस्से की हकदार होगी। इस निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें एक व्यक्ति को संपत्ति के अधिकार से इसीलिए वंचित कर दिया गया था, क्योंकि वह अविवाहित दंपति का बेटा था।

विवाहित जोड़ाः यदि एक पुरुष व महिला पति-पत्नी की तरह लंबे समय तक एक साथ रहते हैं, तो उन्हें भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 114 के तहत विवाहित जोड़ा ही माना जाएगा।