लघु अवधि के कृषि ऋणों पर ब्याज छुट की मंजूरी

मंत्रिमंडल द्वारा सभी वित्तीय संस्थानों के लिए लघु अवधि के कृषि ऋणों पर ब्याज छुट को बहाल कर 1.5 प्रतिशत करने की मंजूरी दी गई है। इससे पहले ब्याज छुट योजना के लिए बैंकों को केन्द्रीय सहायता वर्ष 2020 में बंद कर दी गई थी। इसका कारण यह था कि बैक स्वयं 7 प्रतिशत पर लघु अवधि के कृषि ऋण देने में सक्षम थे।

  • यह मंजूरी वर्ष 2022-23 से वर्ष 2024-25 तक 3 लाख रूपए तक के लघु अवधि के कृषि ऋण देने के लिए प्रदान की गई है। इस छुट को रेपो दर में वृद्धि के कारण बैंकों को क्षतिपूर्ति करने के लिए बहाल किया गया है।

योजना का उद्देश्य : किसानों को रियायती ब्याज दरों पर लघु अवधि के ऋण प्रदान करना है।

  • योजना का लाभ :
    • किसानों को 3 लाख रूपए तक की राशि उपलब्ध कराया जाता है, जिस पर ब्याज दर 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष होती है।
    • समय पर ऋण चुकाने पर किसानों को प्रोत्साहन के रूप में 3 प्रतिशत की अतिरिक्त ब्याज छुट दी जाती है। अतः किसान को प्रतिवर्ष 4 प्रतिशत की ब्याज दर से ऋण प्राप्त होता है।
    • यह सहायता केंद्र सरकार द्वारा 100 प्रतिशत वित्त-पोषित है।
    • इस योजना को नाबार्ड और भारतीय रिजर्व बैंक संयुक्त रूप से कार्यान्वित कर रहे हैं।