जल-मौसम से उत्पन्न आपदाएं

अगस्त, 2021 में, केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा ‘जल-मौसम संबंधी आपदाओं’ (Hydro-Meteorological Calamities) के कारण हुई मौतों के आंकड़े जारी किए गए हैं। जल-मौसम संबंधी आपदाओं और खतरों में अचानक बाढ़ आना (flash floods), बादल फटना (cloud burst) और भू-स्खलन (land slides) आदि को शामिल किया जाता है।

  • मुख्य बिंदुः पिछले तीन वर्षों के दौरान, देश में जल-मौसम संबंधी आपदाओं के कारण लगभग 6,800 लोगों की जान चली गई।
  • पश्चिम बंगाल में 964 मौतें (2018-19 में 383, 2019-20 में 227 और 2020-21 में 354) दर्ज की गईं, जो जल-मौसम संबंधी आपदाओं के कारण होने वाली मौतों का 14 प्रतिशत है।
  • मध्य प्रदेश में 833 मौतें दर्ज की गईं, इसके बाद इसी अवधि में केरल में 708 मौतें हुईं। दोनों राज्यों में बाढ़ के कारण मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है।
  • अत्यधिक वर्षा की घटनाएं या बादल फटना, इन आपदाओं के कारणों में शामिल हैं।
  • प्रत्येक वर्ष भूस्खलन की घटनाएं मुख्यतः हिमालयी राज्यों, पश्चिमी घाट और कोंकण क्षेत्रों में होती हैं।