जल-मौसम संबंधी आपदाओं को रोकने की पहल

भारत ‘आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु सेंडाई फ्रेमवर्क’ (Sendai Framework for Disaster Risk Reduction) का एक हस्ताक्षरकर्ता पक्ष है।

  • भारत ‘संयुक्त राष्ट्र आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यालय’ (United Nations Office for Disaster Risk Reduction- UNISDR) का एक भागीदार देश है और इसके साथ मिलकर कार्य करता है।
  • भारत में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (National Disaster Management Plan – NDMP) बनाई गई है, जिसके तहत, विभिन्न हितधारकों (केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों से लेकर स्थानीय स्व-शासन) की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को परिभाषित किया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन सेवाओं (National Disaster Management Services – NDMS) की परिकल्पना की गई है।
  • भू-स्खलन जोखिम शमन योजना (Landslide Risk Mitigation Scheme – LRMS) में स्थान विशिष्ट भूस्खलन शमन परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।

सेंडाई फ्रेमवर्क

  • वर्ष 2015 में जापान के सेंडाई में आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर तीसरा संयुक्त राष्ट्र विश्व सम्मेलन (United Nations World Conference on Disaster Risk Reduction) आयोजित किया गया था।
  • इसमें आपदा न्यूनीकरण के लिये सेंडाई फ्रेमवर्क (Sendai Framework for Disaster Risk Reduction) 2015-30 को अपनाया गया था। सेंडाई फ्रेमवर्क 15 वर्षों के लिये स्वैच्छिक और गैर-बाध्यकारी समझौता है, जिसे ह्यूगो फ्रेमवर्क फॉर एक्शन (HFA) 2005-2015 के बाद लागू किया गया है।
  • ह्यूगो फ्रेमवर्क फॉर एक्शन आपदाओं में कमी लाने के लिये राष्ट्रों और समुदायों स्तर पर समन्वय बढ़ाने, आवश्यक कार्यों को समझाने आदि से संबंधित पहल है।