अपशिष्ट से ऊर्जा पहल

बायोगैस/बायो-सीएनजी / विद्युत के रूप में शहरी औद्योगिक और कृषि अपशिष्ट और अवशिष्ट (डब्ल्यूटीई कार्यक्रम) से ऊर्जा की प्राप्ति के लिए अपशिष्ट से ऊर्जा कार्यक्रम का कार्यान्वयन किया जा रहा है।

  • डब्ल्यूटीई कार्यक्रम, केन्द्रीय वित्तीय सहायता के माध्यम से पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की किफायती परिवहन के लिए वहनीय विकल्प (एसएटीएटी) पहल के अंतर्गत सहायता प्रदान करता है, जिसमें वर्ष 2023-24 तक 15 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) के बायो-सीएनजी उत्पादन के साथ 5,000 कंप्रेस्ड बायो-गैस (सीबीजी) संयंत्रों की स्थापना करने की परिकल्पना की गई है।
  • इससे रोजगार के नए अवसरों के सृजन और किसानों की आय को बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे अन्नदाता से ऊर्जादाता के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
  • डब्ल्यूटीई कार्यक्रम को नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) से बिजली परियोजनाओं को बढ़ावा देकर स्वच्छ भारत मिशन को अनुकूल बनाया गया है।
  • अपशिष्ट से ऊर्जा कार्यक्रम के तहत 31 जनवरी, 2021 की स्थिति के अनुसार, मंत्रालय ने नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) से 74-7 मेगावाट विद्युत की संचयी क्षमता की कुल पांच परियोजनाओं को केन्द्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) प्रदान करने के लिए सैद्धांतिक अनुमोदन दिया है। इन पांच परियोजनाओं द्वारा बिजली के उत्पादन के लिए लगभग 6000 टन प्रतिदिन एमएसडब्लयू का उपयोग किए जाने की संभावना है।