जीवंत ग्राम कार्यक्रम

उत्तरी सीमा पर छिटपुट आबादी, सीमित सम्पर्क और बुनियादी ढांचे वाले सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए जीवंत ग्रामीण कार्यक्रम को आरम्भ किया गया है।

प्रमुख परियोजनाएं

129 करोड़ रुपये में पूर्वोत्तर भारत, गुवाहाटी में बाल चिकित्सा और व्यस्क हेमोलिम्फोइड कैंसर के प्रबंधन के लिए समर्पित सेवाओं की स्थापना की जाएगी।

  • उत्तर-पूर्व भारत में वैज्ञानिक जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए एक बहुराज्यीय परियोजना को 45 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
  • 500 करोड़ रुपये में वेस्टर्न साइड पर आइजोल बाइपास का निर्माण।
  • पश्चिम सिक्किम में पोलिंग टू सांगा-चोलिंग के लिए पैसेंजर रोपवे सिस्टम के लिए 64 करोड़ रुपये का और दक्षिण सिक्किम में ढ़ापर से भालेधुंगा तक इको-फ्रेंडली रोपवे (केबल कार) के लिए 58 करोड़ रुपये का गैप फंडिंग किया गया है।
  • मिजोरम के विभिन्न जिलों में विभिन्न स्थानों पर 100 करोड़ रुपये की बांस लिंक रोड के निर्माण के लिए पायलट परियोजना आरम्भ किया जायेगा।

प्रभावः उत्तर-पूर्व परिषद के माध्यम से ‘उत्तर-पूर्व प्रधानमंत्री विकास पहल’ नामक एक नई योजना चलाई जाएगी। इससे पीएम गतिशक्ति की भावना के अनुरूप उत्तर-पूर्व की जरूरतों के मुताबिक बुनियादी सुविधाओं और सामाजिक विकास की परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण किया जा सकेगा। इसके लिए 1,500 करोड़ रुपये का प्रारंभिक आवंटन किया जा रहा है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में कमियों की भरपाई करते हुए युवाओं एवं महिलाओं के लिए आजीविका से जुड़ी गतिविधियों चलाई जाएंगी तथा विभिन्न क्षेत्रों के अन्तराल को कम करने में सहायता प्राप्त होगी।

बैंकिंग

  • शत-प्रतिशत 1-5 लाख डाकघरों को मुख्य बैंकिंग प्रणाली में शामिल किया जाएगा।
  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (डीबीयू) स्थापित करेंगे।