सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास (संशोधन) बिल, 2018

यह बिल लघु और मध्यम उद्यम विकास एक्ट, 2006 में संशोधन करता है। यह एक्ट उद्यमों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम की श्रेणी में रखकर उन्हें विनियमित करता है।

  • यह एक्ट सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को निवेश के आधार पर वर्गीकृत करता हैः (प) मैन्युफैक्चरिंग या वस्तुओं का उत्पादन करने वाले उद्यमों को संयंत्र और मशीनरी में निवेश के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है, और (पप) सेवाएं प्रदान करने वाले उद्यमों को उपकरणों में निवेश के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। बिल सभी एमएसएमईज के वर्गीकरण का एक आधार प्रस्तावित करता है।
  • बिल के अंतर्गत सभी एमएसएमईज को, चाहे वे मैन्युफैक्चरिंग करते हों या सेवाएं प्रदान करते हों, वार्षिक टर्नओवर के आधार पर वर्गीकृत किया जाएगा।
उद्यम का प्रकार 2006 का अधिनियम 2018 का अधिनियम
विनिर्माण सेवा सभी उद्यम
संयंत्र और मशीनरी उपकरण में निवेश वार्षिक टर्न ओवर
सूक्ष्म 25 लाख 10 लाख 5 करोड़
लघु 25 लाख से 5 करोड़ 10 लाख से 2 करोड़ 5 से 75 करोड़
माध्यम 5 से 10 करोड़ 2 से 5 करोड़ 75 से 250 करोड़