सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास बिल-2005 को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006 के रूप में नामित किया गया है।
यह अधिनियम सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की अभिवृद्धि और विकास को आसान बनाने और उनकी प्रतिस्पर्धा में वृद्धि करने हेतु अधिनियमित किया गया था तथा इस अधिनियम में अन्य बातों के साथ-साथ उद्यमों को संयंत्र और मशीनरी या उपकरण में उनके निवेश पर आधारित सूक्ष्म, लघु या मध्यम उद्यम के रूप में वर्गीकृत करने का उपबंध किया गया है।
नई परिभाषा 7 अप्रैल, 2018 से लागू है जिसे प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी की बैठक में अंतिम रूप दिया गया था। इस परिवर्तन के बाद अब फ्प्लांट और मशीनरीय् में निवेश की जगह फ्टर्नओवरय् के आधार पर डैडम्े वर्गीकरण किया जायेगा।