इसे 2015 में महिला पीड़ितों के पुनर्वास के उद्देश्य से शुरू किया गया था, जिन्हें पुनर्वास के लिए संस्थागत समर्थन की आवश्यकता है, ताकि वे सम्मान के साथ अपने जीवन का निर्वाह कर सकें।
इस योजना में महिलाओं के लिए आश्रय, भोजन, कपड़े और स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। इसके लिए प्रत्येक
जिले में 30 महिलाओं की क्षमता वाले स्वाधार गृहस्थापित की जानी है।
18 वर्ष से ऊपर आयु की कोई भी महिला, जो घरेलू हिंसा, आर्थिक सहायता की कमी, यौन तस्करी की शिकार आदि जैसी कठिन परिस्थितियों का सामना कर रही महिलाओं के लिए देश में 600 से अधिक स्वधार गृह हैं।