राज्य स्वास्थ्य सूचकांक 2019-20

दिसंबर, 2021 में नीति आयोग द्वारा ‘स्वास्थ राज्य प्रगतिशील भारत’ नाम से चौथा राज्य स्वास्थ्य सूचकांक (State Health Index), 2019-20 जारी किया गया।

  • यह रिपोर्ट राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को स्वास्थ्य परिणामों में साल-दर-साल वृद्धिशील प्रदर्शन के साथ-साथ उनकी समग्र स्थिति के आधार पर रैंक प्रदान करती है।

उद्देश्यः इस रिपोर्ट का उद्देश्य राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियों के निर्माण और स्वास्थ्य सेवा के वितरण में सुधार के लिए प्रेरित करना है।

सूचकांक की विशेषताएँ: राज्य स्वास्थ्य सूचकांक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिये एक वार्षिक उपकरण है, जिसे वर्ष 2017 में संकलित और प्रकाशित किया गया है।

  • यह ‘स्वास्थ्य परिणामों’, ‘शासन और सूचना’ तथा ‘प्रमुख इनपुट/प्रक्रियाओं के डोमेन के तहत समूहीकृत 24 संकेतकों पर आधारित एक भारित समग्र सूचकांक है।
  • इसमें नवजात मृत्यु दर, अंडर-5 मृत्यु दर, जन्म के समय लिंगानुपात जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इसमें स्वास्थ्य देखभाल में कमी का अनुपात, कार्यात्मक चिकित्सा सुविधाएं, जन्म और मृत्यु पंजीकरण तथा तपेदिक उपचार आदि शामिल हैं।
  • वर्ष 2019-20 में समेकित सूचकांक अंक के आधार पर व्यापक रैंकिंग के तहत ‘बड़े राज्यों’ में केरल व तमिलनाडु, ‘छोटे राज्यों’ में मिजोरम व त्रिपुरा और केंद्रशासित प्रदेशों में दादरा एवं नगर हवेली व दमन व दीव तथा चंडीगढ़ शीर्ष रैकिंग वाले राज्य हैं।
  • बड़े राज्यों की श्रेणी के तहत वार्षिक क्रमिक प्रदर्शन (Annual Incremental Progress) के मामले में उत्तर प्रदेश, असम और तेलंगाना शीर्ष रैंकिंग वाले तीन राज्य हैं।
  • इस सूचकांक को वर्ष 2017 से संकलित और प्रकाशित किया जा रहा है।